हार्दिक पटेल के दो सहयोगियों को अपने पक्ष में ला कर मचल रही भाजपा को जबर्दस्त धक्क लगा है. नरेन पटेल ने दस लाख रुपये की गड्डी मीडिया के सामने पेश कर कहा है कि वह उन्हें एक करोड़ में खरीदने की कोशिश कर रही थी.
इस प्रकरण से भाजपा का चेहरा बेनकाब हो गया है. मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है कि भाजपा हार्दिक पटेल के जाल में फंस गयी है.
नरेन पटेल ने दस लाक रुये की गड्डी, जो उनके अनुसार उन्हें भाजपा नेता ने दी थी, उसे मीडिया के सामने उड़े दिया. नरेन ने कहा कि उन्हें भाजपा ने एक करोड़ रुपये देने का वचन दिया और पहली किस्त दस लाख रुपये की गड्डी पेशगी के बतौर दी.
दूसरे नेता निखिल सवानी हैं जो खुद भी भाजपा में शामिल हुए थे. लेकिन आज वह भजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा खरीद फरोख्त में लगी है.
इससे पहले जब पटेल अनामत आंदोलन के ये नेता भाजपा में शामलि हो गये थे तो हार्दिक पटेल ने कहा था कि गुजरात की जनता किसी व्यक्ति के साथ नहीं, बल्कि मुद्दे के साथ है.
इस प्रकरण के बाद भाजपा को अपने बचाओ में आना पड़ा. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो नोट दिखाये गये वह महज दस लाख रुपये हैं, बाकी के 90 लाख रुपये कहां हैं. रविशंकर प्रसाद के इस तर्क में कोई दम इसलिए नजर नहीं आ रहा है क्योंकि नरेन पटेल ने साफ कहा है कि उन्हें पेशगी के तौर पर दस लाख रुपये दिये गये. बाकी पैसे बाद में देने का वायदा किया गया था.
गुजरात चुनाव सर पर है और भाजपा कांग्रेस व स्थानीय विरोधी दलों के जाल में फंसी है. ऐसे में नोट कांड ने उसे बड़े भंवर में फंसा कर भाजपा कि छवि को जोरदार झटका दिया है.