उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में भी भाजपा के एक विधायक ने कहा कि जुमा तो साल में 52 बार आता है। होली साल में एक ही बार आती है। इसीलिए जिस मुसलमान को होली से दिक्कत है, वो घर में ही नमाज पढ़ लें। घर से बाहर न निकलें। इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू पूरी तरह खामोश हो गई है।
याद रहे उत्तर प्रदेश के संभल में शांति समिति की बैठक में डीएसपी अनुज चौधरी ने कहा था कि जुमा साल में 52 बार आता है। होली तो एक ही बार आती है। इसीलिए बेहतर होगा, जुमे के नमाज के लिए मुसलमान घर से बाहर न निकलें। दूसरे दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारी के बयान का समर्थन कर दिया।
अब बिहार में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने भी मुसलमानों से कह दिया है कि वे नमाज के लिए घर से निकलें। कोई रंग डाल सकता है। इस मामले में जदयू के किसी नेता ने अभी तक मुंह नहीं खोला है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दावा करते रहे हैं कि प्रदेश में हिंदू-मुसलमानों के बीच भेद नहीं किया जाता है।
जदयू की चुप्पी से भाजपा को अपना एजेंडा आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। प्रशासन का काम होता है कि वह हुड़दंग करने वालों पर सख्ती करे, असमाजिक तत्वों को हिरासत में ले और होली का पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हो, इसके लिए प्रयास करे। अब जब सत्ताधारी दल के विधायक ही कह रहे हैं कि मुसलमानों को घर से नहीं निकलना चाहिए, तो साफ है कि इससे हुड़दंग करने वालों का मनोबल बढ़ेगा।
लोग पूछ रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा विधायक के इस गलत बयान पर चुप क्यों हैं। क्या उन्होंने सांप्रदायिक राजनीति के सामने सरेंडर कर दिया है। अगर मुख्यमंत्री ने मामले में तुरत हस्तक्षेप नहीं किया, तो भाजपा के अन्य नेता भी होली पर इसी तरह समाज को बांटने तथा नफरत बढ़ाने वाले बयान देंगे।