हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के परिणाम मंगलवार को आ गए। हरियाणा के चुनाव परिणाम ने सभी सर्वे, एक्जिट पोल को गलत साबित कर दिया। पहली बार अकले भाजपा को बहुमत से अधिक सीटों पर जीत मिली है। भाजपा यहां तीसरी बार सरकार बनाएगी। हरियाणा के इतिहास में भाजपा पहली पार्टी बन गई है, जो लगातार तीसरी बार सरकार बना रही है। अंतिम खबर मिलने तक भाजपा 50 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि कांग्रेस केवल 34 सीटों पर आगे है। राज्य में कुल 90 विधानसभा सीट हैं।
भाजपा ने पहले की तरह जाट विरोधी भावना को उभारा। हरियाणा में जाट समुदाय का दबदबा रहा है। भाजपा गैर जाट मतदाताओं को यह समझाने में सफल रही कि कांग्रेस की जीत मतलब फिर से हरियाणा जाट का राज आ जाएगा। भाजपा की यह रणनीति कामयाब रही। भाजपा हर प्रदेश में इसी रणनीति पर काम करती है। बिहार और यूपी में वह यादवों के खिलाफ अन्य जातियों को उभारती रही है।
हरियाणा चुनाव में खुद भाजपा को भी उम्मीद नहीं थी कि उसे 50 सीटें आ जाएंगी। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ चार रैलियां कीं।
हरियाणा चुनाव से भाजपा का मनोबल बढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी आज शाम कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। अब भाजपा यह बताने की कोशिश कर रही है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता पहले की तरह ही है। लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिलना एक दुर्घटना भर है। महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों पर हरियाणा के परिणाम का विशेष असर नहीं होगा, लेकिन भाजपा समर्थकों का मनोबल जरूर बढ़ेगा। प्रेक्षक मान रहे हैं कि इंडिया गठबंधन के दलों को अब नए सिरे से भाजपा के खिलाफ कमर कसनी होगी।
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हरियाणा चुनाव का एक तीसरा पहलू छोटे दल भी हैं। बसपा और स्वतंत्र उम्मीदवारों को अच्छा वोट मिला है। कांग्रेस की सीटें घटने की एक वजह यह भी है। राज्य में भाजपा विरोधी बंट गए। इन तीसरे खिलाड़ियों की वजह से कांग्रेस की राह मुश्किल हुई और भाजपा की राह आसान हुई।
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