हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पूरी भाजपा जोश में है। इसी के साथ बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भविष्य को लेकर भी चर्चा छिड़ गई है। यह सभी जानते हैं कि नीतीश कुमार का स्वास्थ्य खराब है। कई बार ऐसी खबरें छन-छन कर आती रही हैं कि भाजपा ने नीतीश कुमार पर मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए दबाव बनाया है, लेकिन केंद्र में भाजपा को बहुमत नहीं होने तथा सहयोगी दलों पर निर्भरता के कारण वह एक हद से ज्यादा दबाव नहीं बना पाती है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही सुरक्षात्मक हो गई थी, लेकिन अब हरियाणा चुनाव परिणाम के बाद फिर से भाजपा में जोश दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और गृहमंत्री अमित शाह आक्रामक दिख रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है।
राजनीतिक प्रेक्षक मानते रहे हैं कि भाजपा अपने सहयोगियों को धीरे-धीरे खा जाती है। चिराग पासवान ने कई मुद्दों पर भाजपा से अलग राय रखी, तो उनकी पार्टी में ही संकट खड़ा हो गया। टूट का खतरा दिखने लगा। उसके बाद से वे कई बार भाजपा नेताओं से मिल चुके हैं। हाल में उन्होंने अमित शाह से मुलाकात की है। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि बीमार नीतीश कुमार को भाजपा कितने दिन बर्दाश्त करेगी। भाजपा चाहती है कि मुख्यमंत्री उसका हो।
यह आम समझ है कि भाजपा कमजोर रहेगी, तो सहयोगी दलों पर खतरा कम होगा। भाजपा मजबूत होगी, तो सहयोगी दलों की न सिर्फ पूछ खत्म हो जाएगी, बल्कि उनके अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगता है।
————–
हरियाणा में जाट विरोधी लहर में भाजपा को मिली बड़ी जीत
नीतीश कुमार की स्थिति ऐसी हो गई है कि वे अब कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। कल ही विभागीय बैठक में उन्होंने एक शब्द नहीं कहा और 9 मिनट में मीटिंग खत्म हो गई। ऐसा पहली बार हुआ। हरियाणा में भाजपा की जीत के साथ ही मुख्यमंत्री का बिगड़ता स्वास्थ्य भी भाजपा को मौका दे रहा है।