चुनाव आयोग ने आज दो राज्यों के चुनाव की घोषणा कर दी। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में सितंबर में वोट डाले जाएंगे और परिणाम चार अक्टूबर को आएगा। आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान नहीं किया। इसके लिए चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र बड़ा राज्य है और वहां अलग से चुनाव करना पड़ेगा। कई पर्व-त्योहार हैं, उनको भी देखना पड़ेगा। नवरात्रि, दिवाली है, गणेश उत्सव है, पितृ पक्ष है। इसीलिए त्योहारों के बाद इन दो राज्यों में चुनाव कराया जाएगा।
हरियाणा और जम्मू कश्मीर में एक साथ चुनाव होगा। तीन चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को, दूसरा चरण 25 सितंबर को और तीसरा चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा। नतीजा 4 अक्टूबर को आएगा।
झारखंड में विधानसभा का समापन दिसंबर में हो रहा है जबकि महाराष्ट्र विधानसभा की आखिरी तारीख 26 नवंबर है। ऐसे में 26 नवंबर की तारीख से पहले राज्य में विधानसभा का गठन हो जाना चाहिए। वहीं आयोग ने दिवाली जैसे त्यौहार को इलेक्शन को लटकाने की वजह बताया। इससे साफ है कि महाराष्ट्र और झारखंड में दिवाली के बाद ही मतदान होगा। इस साल दिवाली एक नवंबर को है। याद रहे महाराष्ट्र में भाजपा की हालत खराब है। अब तक जो सर्वे आए हैं, उनमें इंडिया गठबंधन को स्पष्ट बढ़त दिखाई गई है। झारखंड में भी भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं है। सोशल मीडिया में लोग कह रहे हैं कि चुनाव आयोग ने इन दोनों प्रदेशों के चुनाव को आगे खिसका कर भाजपा को तैयारी को मौका दे दिया है। वैसे हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर में भी भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं है।
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चुनाव आयोग का एक साथ चार राज्यों में चुनाव नहीं कराने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए भाषण के ठीक एक दिन बाद है, जब प्रधानमंत्री ने लाल किले से कहा था कि बार-बार चुनाव कराने से विकास का कार्य बाधित होता है।