हे भक्त! क्या आपके बच्चे वह बोलते हैं, जो लालू की छोटी बेटी बोली

सुबह मॉर्निंग वॉक करते मस्जिद, अजान, मुस्लिम जनसंख्या पर जहर उगलते भक्तों से सवाल है-क्या आपके बच्चे भी आपके बारे में वहीं कहते हैं, जो लालू की बेटी ने कहा।

नौकरशाही डॉट कॉम को सुबह-सुबह पार्क में, सड़क पर टहलते हुए लोग मिलते हैं, जो मस्जिद, अजान, मुस्लिमों की बढ़ती आबादी पर उत्तेजित शब्दों में बात करते मिलते हैं। ये लोग महंगाई के भी कट्टर समर्थक होते हैं। बेरोजगारी को फालतू विषय मानते हैं। इनसे एक सवाल है कि क्या आपके बच्चे भी आपके बारे में वही राय रखते हैं, जो लालू प्रसाद की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी यादव अपने पिता के बारे में रखती है? सोचिएगा। पूछिएगा अपने बच्चों से।

आज लालू प्रसाद फिर देशभर में चर्चा में हैं। कल शाम जेल से निकलते हुए उन्होंने देश की स्थिति पर जिस तरह दो टूक शब्दों में भाजपा और संघ पर हमला किया, उसके बाद लोग फिर से लालू को सलाम कर रहे हैं। कह रहे हैं कि सब कोई लालू नहीं हो सकता।

लालू प्रसाद ने कहा-हनुमान चालीसा पढना है तो मंदिर मे जाइए, मस्जिद में क्यूँ जा रहे हो? ये Irritate करने जाते हैं जिससे लोग रिएक्ट करें और दंगा हो। ये लोग देश को टुकड़ों में बाँटना चाहते है।

लालू प्रसाद के इस बयान के बाद उनकी सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी यादव ने कहा-Proud to be your daughter (आपकी बेटी होने पर मुझे गर्व है)। लालू की सबसे छोटी बेटी ने महंगाई समर्थक और नमाज के समय हनुमान चालीसा पढ़नेवाले भक्तों के आगे एक बड़ी लकीर खींच दी है। भक्तों को अपने बच्चों से पूछना चाहिए कि वे रेप की धमकी देनेवाले बाबाओं का बचाव करते हैं, गोडसे का बचाव करते हैं, महंगाई का बचाव करते हैं, उनकी इतनी मेहनत पर उनके बच्चे उन पर भी गर्व करते हैं? ज्यादातर भक्त पिताओं को निराशा ही हाथ लगेगी। अधिकतर बच्चे अपने पिता को फेल मानते हैं कि जीवन में क्या किया, उनके लिए क्या किया?

लालू प्रसाद का वह वीडियो आज वायरल है। पत्रकार प्रशांत टंडन ने कहा-काश इतनी साफ़गोई और हिम्मत बाकी नेताओं में भी होती। कई बड़े नेता इनकम टैक्स/सीबीआई के इंस्पेक्टर के डर से राजनीति बदल लेते हैं – लालू जी को इतनी यातना झेलने के बाद भी हिम्मत से खड़े हैं। बिहार अकेला हिंदी भाषी राज्य है जहां बीजेपी कभी अपना मुख्यमंत्री नहीं बना पाई. कुछ बात तो है।

पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने कहा-सांप्रदायिक राजनीति पर बोलेंगे तो हिंदू वोटर नाराज़ हो जायेगा’- इस सिद्धांत पर चलने वाले तमाम ‘धर्मनिरपेक्ष’ नेताओं को लालू यादव का ये बयान सुनना चाहिए। सांप्रदायिकता और बहुसंख्यकवाद से सिर्फ़ और सिर्फ़ धर्मनिरपेक्षता और संविधानवाद से लड़ा जा सकता है, नर्म-हिंदुत्व से नहीं!

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By Editor


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