बिहार में भीषण गर्मी से विभिन्न जिलों के स्कूलों में सौ से ज्यादा बच्चे बेहोश हो गए। कई शिक्षक और कर्मी भी हीटवेव से बेहोश हो गए। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। अफसरशाही बेलगाम हो गई है।
प्रदेश में रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ रही है। कई जिलों में तापमान 45 से 47 डिग्री पहुंच गया है। औरंगाबाद में दशकों का रिकॉर्ड टूट गया। यहां बुधवार को 48 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया। शेखपुरा, मुंगेर, बेगूसराय सहित कई जिलों में स्कूल में बच्चे बेहोश हो गए। अकेले शेखपुरा में 50 से ज्यादा बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। भागलपुर के गोरडीहा स्कूल में एक के बाद एक कई बच्चे बेहोश हो गए। इसी के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी केके पाठक के खिलाफ अभिभावकों में रोष देखा जा रहा है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र नहीं रह गया है, सरकार नहीं रह गई है, केवल बब्यूरोक्रेसी रह गई है। अफसरशाही चरण सीमा पर है। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री की बात भी स्कूल के टाइमिंग को लेकर नहीं सुनी जाती। आप समझ जाइए क्या स्थिति है। मुख्यमंत्री इतना कमजोर क्यों हो गए हैं ? 47 डिग्री टेंपरेचर है। इस हिसाब से जो छोटे बच्चे हैं उनके रिलैक्सेशन का ध्यान लोगों को देना चाहिए। यह तो कोई भी एडवाइस करता है। डॉक्टर कहते हैं। बिहार के स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर वैसा नहीं है कि गर्मी में भी बच्चे स्कूलों में सुरक्षित रह सकें। इस हालत में मुख्यमंत्री तो कुछ नहीं कर पा रहे हैं। साफ दिख रहा है मुख्यमंत्री को लोगों ने घेर रखा है और उनके हाथ में कुछ नहीं है।
इतनी भीषण गर्मी के बावजूद स्कूल खोले जाने पर सवाल उठते रहे हैं, पर केके पाठक ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिलाधिकारियों का स्कूल की टाइमिंग पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। सारा निर्णय विभाग ले रहा है।