हिजाब विरोधी MLA का टिकट कटा, जिसे मिला वह उग्र विरोधी

कर्नाटक में हिजाब बैन करानेवाले BJP MLA का टिकट कटा, तो रो पड़े। वे ब्राह्मण है। कहा, मेरी जाति के कारण टिकट कटा। जिसे मिला वह उनसे बड़ा हार्डलाइनर।

कर्नाटक में हिजाब बैन करानेवाले उडूपी के BJP MLA रघुपति भट का टिकट कट गया है। टिकट नहीं मिलने पर भाजपा विधायक मीडिया के सामने ही रो पड़े। कहा, वे जातिवादी राजनीति के शिकार हुए हैं। वे ब्राह्मण हैं। मीडिया से कहा कि पार्टी ने उनके साथ जो व्यवहार किया है, इसकी उम्मीद नहीं थी। इसीलिए की का टिकट कटा, तो रो पड़े। वे ब्राह्मण है। इस सीट से जिसे पार्टी ने टिकट दिया है, वह भट से ज्यादा हार्डलाइनर हैं। उनका नाम यशपाल सुवर्णा है। फाइनेंशियस एक्सप्रेस की खबर के अनुसार एक साल जिले में हिजाब को अपना अधिकार बता कर संघर्ष कर रही छात्रओं को सुवर्णा ने आतंकवादी तक कहा था। सुवर्णा ओबीसी वर्ग से आते हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने यह भी लिखा है कि सुवर्णा ने ही हिजाब के मुकाबले भगवा गमछे बांटे थे। द सियासत डेली ने भी सुवर्णा के उस समय दिए गए बयान की चर्चा की है।

सोशल मीडिया में सुवर्णा से अधिक रघुपति भट की चर्चा है। टिकट नहीं मिलने पर रोते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें पहले जानकारी दी जाती तो उनके पास अन्य विकल्प होते, लेकिन अंतिम समय में टिकट काट दिया गया। यहां तक कि पार्टी की जिला समिति ने भी कोई जानकारी नहीं दी। कांग्रेस की अलका लांबा ने तंज कसते हुए कहा कि बेचारे को इतनी कम उम्र में मार्गदर्श मंडल में डाल दिया गया।

सोशल मीडिया पर रघुपति भट का रोते हुए वीडियो वायरल है। लोग टिकट कटने को कर्मों का फल बता रहे हैं। एक यूजर विक्रम ने ट्वीट किया-यह है रघुपति भट्ट भाजपा के विधायक जिन्होंने हिजाब को बैन करवाया था,आज टिकट नही मिलने पर आंसू बहा रहे है। कर्म का फल इसे ही कहते है। राजशेखर वाल्मीकि ने लिखा कि भाजपा में ब्राह्मण समाज की स्थिति दलितों से बदतर है। इसी प्रकार

मालूम हो कि कर्नाटक के एक खास इलाके में ही सांप्रदायिक मुद्दे चुनाव में ज्यादा महत्व रखते हैं। शेष कर्नाटक में वहां के स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं। फिलहाल कर्नाटक के नंदिनी दूध बनाम गुजरात के अमूल दूध को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है।

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