Hijab वाली लड़की खड़ी-खड़ी बेहोश, टीचर देखने तक न आए
Hijab का विरोध करते-करते लगता है कॉलेज शिक्षक मानवता विरोधी भी हो गए। लड़की कॉलेज गेट पर घंटों खड़े रहने के कारण हुई बेहोश। कोई टीचर देखने तक नहीं आया।
कर्नाटक के एक सरकारी कॉलेज में हिजाब के कारण प्रवेश से रोक दिए जाने पर कई लड़कियां गेट पर खड़ी थीं। घंटों खड़े रहने के कारण उनमें से एक लड़की बेहोश हो गई। इसके बाद भी कोई शिक्षक देखने तक नहीं आया। मजबूरन दूसरे स्टूडेंट्स ने लड़की को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। हद है, लगता है, हिजाब का विरोध करते-करते हमारा समाज मानवता का भी विरोधी होता जा रहा है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद मुईन ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें कॉलेज के छात्र हिजाबवाली लड़की को एंबुलेंस से अस्पताल भेज रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया- मैंगलोर के सरकारी कॉलेज की छात्राएं चार दिनों से हिजाब पहनने के कारण क्लास में प्रवेश से रोक के कारण बाहर खड़ी रहती हैं। आज ऐसी ही एक लड़की देर तक खड़े रहने के कारण बेहोश हो गई। इसके बावजूद कॉलेज का कोई शिक्षक मदद के लिए नहीं आया। पिर दूसरे छात्रों ने लड़की को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। ये है वीडियो-
#Hijabi girl standing out from past 4 days in #Mangalore's Govt first grade clg Kavoor fell fainted, students took her to hospital in vehicle moreover no teacher came to rescue even after witnessing such incident.
— Syed Mueen (@Mueen_magadi) February 19, 2022
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मुईन ने एक दूसरा वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें हिजाबवाली लड़कियां बता रही हैं कि जब शिक्षकों को मालूम हुआ कि कोई लड़की गेट पर बेहोश हो गई है, तो उनका रूखा-सा जवाब था कि कोई स्टूडेंट क्लासरूम में नहीं है, तो हम उसे स्टूडेंट नहीं मानते। लड़कियों ने कहा कि शिक्षकों ने मानवता को भी तिलांजलि दे दी है। हमारे शिक्षक खुद अपने ही लेक्चर भूल गए हैं। हमने यह भी कहा कि हमें अलग से क्लास रूम दे दीजिए, तो इसे बी उन्होंने खारिज कर दिया।
लेखिका राना सफवी ने कहा -इनसानियत ही खत्म हो गई है।
इस बीच कर्नाटक से ही एक और निरास करनेवाली खबर है। नेशनल हेरल्ड ने लिखा है- शिवमोगा जिले के एक कॉलेज की 58 छात्राओं को हिजाब पहनने तथा कॉलेज में प्रवेश के लिए आंदोलन करने के कारण सस्पेंड कर दिया गया।
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