हू..हो..हाट..हट..खाद के लिए हंगामा, राजद ने जारी किया वीडियो
बिहार में खाद के लिए रात-रातभर किसान लाइन में लग रहे हैं। परेशान हैं। किसी भी दिन किसानों का गुस्सा फूट सकता है। राजद ने जारी किया वीडियो। देखिए आप भी।
पंजाब और बिहार में जमीन आसमान का अंतर है। वहां हर गांव में किसान यूनियन है, प्रायः हर किसान संगठन से जुड़ा है। इसीलिए उन्होंने सालभर लड़ाई लड़ी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को झुका दिया। बिहार के किसान बेहद असंगठित हैं इसीलिए उन्हें प्रधानमंत्री तो दूर की बात है, एक बीडीओ-सीओ और मुखिया भी ठेंगा दिखा देता है। उनकी कोई सुनवाई नहीं है।
बिहार के किसान खाद के लिए रात-रातभर लाइन में लग रहे हैं, लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ता। आज राजद ने मुजफ्फरपुर के एक प्रखंड का वीडियो जारी किया है, जिसमें किसान परेशान दिख रहे हैं। उनकी परेशानी गुस्से में तब्दील होती भी दिख रही है। हू..हो..हट..हट का शोर सुनाई पड़ रहा है। एक किसान ने वितरण केंद्र की खिड़की पर लगा टीन का पर्दा उखाड़ दिया। सरकार नहीं चेती, तो किसानों का गुस्सा किसी भी दिन फूट सकता है।
राजद ने वीडियो जारी करते हुए ट्वीट किया-मुज़फ़्फ़रपुर जिले के साहेबगंज प्रखंड में खाद के लिए परेशान किसान! बिहार में यह खाद की कमी स्वयं RCP टैक्स वाली सरकार द्वारा पैदा किया हुआ है! राज्य के जिला कृषि पदाधिकारी, स्टॉकिस्टों, बिचौलियों ने आपसी मिलीभगत से यह कमी पैदा किया है ताकि किसान ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर हों!
मुज़फ़्फ़रपुर जिले के साहेबगंज प्रखंड में खाद के लिए परेशान किसान!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) December 14, 2021
बिहार में यह खाद की कमी स्वयं RCP टैक्स वाली सरकार द्वारा पैदा किया हुआ है! राज्य के जिला कृषि पदाधिकारी, स्टॉकिस्टों,बिचौलियों ने आपसी मिलीभगत से यह कमी पैदा किया है ताकि किसान ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर हों! pic.twitter.com/4iKAbnIcv1
खाद की कमी का मुद्दा अभी तक राज्य की राजनीति से दूर है। सत्ताधारी दलों ने इस मामले में एक बयान तक नहीं दिया है। खाद की कमी दूर करने के लिए सरकार की तरफ से भी कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है। गांव में किसानों का कोई संगठन नहीं है, वे अपनी फरियाद मुखिया या स्थानीय नेता जी से करते हैं। फिलहाल किसानों की समस्या हल होती नहीं दिख रही। क्या बिहार के किसान पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों से कुछ सीखेंगे, क्या वाट्सएप इस्तेमाल करनेवाले किसानों के बेटे कोई पहल करेंगे?
बनारस में स्कूल बंद, शिक्षकों को घाटों पर दीया जलाने का आदेश