चाहे कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की हरियाणा के आईएएस अफसर प्रदीप कासनी सब के लिए सर दर्द रहे हैं. 17 साल के करियर में उन्हें कल 46वीं बार तबादला कर दिया गया.
उन्हें चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के महानिदेशक एवं सचिव के पद से हटाकर अभिलेखागार विभाग के महानिदेशक के पद पर बिठा दिया गया है.
प्रदीप कासनी को करनाल में बन रहे कल्पना चावला मेडिकल कालेज के निर्माण का हिसाब मांगना महंगा पड़ गया। कासनी ने कॉलेज के निर्माण में धांधली की आशंका के चलते पूरा हिसाब तलब कर लिया था। भास्कर डॉट कॉम के मुताबिक, कॉलेज बनाने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी को यह नागवार गुजरा और कासनी लपेटे में आ गए।
सरकार इसे रूटीन तबादला बता रही है। वहीं, इस मामले पर प्रदीप कासनी ने कहा, ”मेरा काम किसे पसंद आता है और किसे नहीं, यह मेरे अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। मैंने सरकार के हित में सरकार की नीतियों के अनुरूप काम को प्राथमिकता दी। आगे भी अच्छा काम करूंगा।’
इससे पहले हुड्डा सरकार में निशाने पर रहे प्रदीप कासनी भाजपा सरकार में भी स्थायी नहीं रहे हैं. इससे पहले उन्हें गुड़गांव का आयुक्त बनाया गया था, लेकिन वहां से फिर हटाकर एक माह तक कोई विभाग नहीं दिया गया. उनकी ईमानदारी से प्रभावित स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज फिर उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में लाए और उन्हें विभाग का महानिदेशक बनाया गया लेकिन उन्हें अभिलेखागार विभाग में लगा दिया गया है