IAS डॉ. रणजीत कर रहे बड़ा काम, युवाओं में भर रहे हौसला
आज का युवा कई चुनौतियों से जूझ रहा है। जिंदगी की दौड़ में थकान न आए, इसके लिए वह सहारा ढूंढ़ रहा है। युवा IAS डॉ. रणजीत कुमार सिंह ऐसे युवाओं के बने सहारा।
युवा आईएएस अधिकारी डॉ. रणजीत कुमार सिंह बिहार सरकार के प्राइमरी एडुकेशन के डायरेक्टर हैं। वे नई पीढ़ी को हमेशा आत्मबल, धीरज और लगन की प्रेरणा देते हैं। इसके लिए वे सोशल मीडिया का बेहतर उपयोग कर रहे हैं। उनके ट्विटर हैंडल पर जैसे-जैसे आप उनके ट्वीट देखेंगे, आप खुद में नई ऊर्जा पाएंगे।
डॉ. रणजीत कुमार सिंह का एक ट्वीट कितना अर्थपूर्ण है। आप ट्वीट पढ़कर रुक जाएंगे। सोचने लगेंगे। उन्होंने लिखा- हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते, हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं।
वाह क्या बात है! हौसला भी दवा बन जाता है। इसलिए हौसला बनाए रखिए।
डॉ. रणजीत का एक दूसरा मैसेज देखिए-काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए, हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए, यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है, जिंदगी जियो इस कदर की मिसाल बन जाए।
इसमें वे खुद के जीवन के प्रति नजरिया तय करना बता रहे हैं। पढ़ाई, नौकरी, शादी, बच्चे और जीवन खत्म। इसके बजाय आप अगर समाज को कुछ देकर जाते हैं, तो लोग याद करेंगे। जिंदगी बहुत कीमती है, इसे किसी तरह काटिए मत, बल्कि इसे भरपूर जिएं और निशान छोड़ जाएं। इस तरह की ऊंची सोच हो, तो वह युवा कभी निराश नहीं हो सकता, डिप्रेशन में नहीं जा सकता। समाज के लिए बड़ा करने का संकल्प आपको नया आदमी बना देगा।
आप गौर करेंगे कि आप किसी से पूछिए कैसा चल रहा है, तो लोग जवाब देंगे। किसी तरह चल रहा है। कट रहा है आदि-आदि। यह जीने का, जीवन के प्रति सही नजरिया नहीं है। डॉ. रणजीत जीवन में अच्छे कार्यों के जरिये निशान छोड़ जाने की बात कह रहे हैं।
डॉ. रणजीत आज के ट्वीट में अच्छे व्यवहार पर जोर देते है। वे कहते हैं-मनुष्य का अमूल्य धन उसका व्यवहार है। इस धन से बढ़कर दुनिया में कोई दूसरा धन नहीं। सिर्फ हौसलाआफजाई ही नहीं, बल्कि बीच-बीच में वे जेनरल नॉलेज विकसित करने के लिए भी सवाल करते हैं। उन्होंने पूछा है कि गिद्धा और भंगड़ा किस राज्य का लोकनृत्य है?
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