आईएएस जितेंद्र गुप्ता को आखिरकार बिहार सरकार को प्रोमोशन देना ही पड़ा है. उनको 2016 में रिश्वतखोरी के आरोप में सस्पेंड किया गया था लेकिन तब बिहार सरकार को फजीहत उठानी पड़ी जब हाईकोर्ट ने उन पर किये गये एफआईआर को रद्द कर दिया था.
नौकरशाही ब्यूरो
बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन द्वारा 12 दिसम्बर को जारी सूचना में कहा गया है कि जितेंद्र गुप्ता, 2013 बैच के अफसर को संयुक्त सचिव के पद पर प्रोमोशन दिया जाता है. उन्हें यह प्रोमोशन 1 जनवरी 2017 के प्रभाव से मिला है. फिलहाल गुप्ता वन एंव पर्यावरण विभाग में विशेष कार्य अफसर के रूप में काम कर रहे हैं.
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याद रहे कि 2013 बैच के आईएएस व मोहनिया के तत्कालीन एसडीएम जितेंद्र गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने पत्थर की तस्करी करने वाले ट्रक ड्राइवर से रिश्वत ली थी. लेकिन दो तीन महीने के अंदर सरकार को उनका निलंबन वापस लेना पड़ा. सरकार उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं कर सकी.
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जितेंद्र गुप्ता को रिश्वत कांड मामले में पटना हाइकोर्ट ने राहत दी .कोर्ट ने अपने आदेश में रिश्वत लेने के आरोप में दायर एफआइआर को रद्द करने का आदेश दिया। आइएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र गुप्ता की याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने सुनवाई की थी.
याद रहे कि गुप्ता को बिहार की निगरानी विभाग ने यह कहते हुए जुलाई 2016 में गिरफ्तार किया था कि उन्होंने ट्रक ड्राइवर से रिश्वत लिया. इसके बाद उन्हें जेल भी भेज दिया गया था.