IPS ने गिरिराज को दिया जवाब, गोडसे के पूर्वज विदेशी आक्रांता
केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने गांधी के हत्यारे को भारत का सपूत कहा। कहा कि उसका जन्म भारत में हुआ था। अब वरिष्ठ IPS ने दिया करारा जवाब।
प्रायः मुस्लिम विरोधी बयान देकर हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की कोशिश करने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने गांधी के हत्यारे गोडसे की जय-जय की। हत्यारे का महिमामंडन किया। कहा कि उसका जन्म भारत में हुआ था। दो दिन पहले उन्होंने गांधी के हत्यारे गोडसे को भारत का सपूत कहा। यह भी कहा कि गोडसे बाबर और औरंगजेब की तरह विदेशी आक्रमणकारी नहीं था।
अब राज्य के वरिष्ठ IPS अनिल किशोर यादव ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का नाम लिये बिना उन्हें करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हत्यारा तो हत्यारा होता है, चाहे वह भारत में पैदा हो या विदेश में पैदा हो। उन्होंने कहा कि बाबर बाहर से आया था, तो गोडसे के पूर्वज भी बाहर नहीं आए, इसकी क्या गारंटी है। बाबर अगर आक्रमणकारी था, तो गोडसे के पूर्व भी आक्रमणकारी नहीं थे, इसकी क्या गाारंटी है।
हत्यारे नाथूराम गोडसे के भक्त कहते हैं कि वह इसलिए निंदनीय नहीं है कि वह भारत में ही पैदा हुआ था- उसने बाहर से आकर आक्रमण नहीं किया था।इस प्रसंग में हमें याद रखना चाहिए किः-
— Anil Kishore Yadav IPS (@anil1996ips) June 11, 2023
१. अकबर और उसकी औलादें भारत में ही पैदा हुए ठीक वैसे ही जैसे हत्यारा गोडसे और उसके भक्त❗️
२. इस बात की कोई…
आईपीएस अनिल किशोर यादव ने ट्वीट किया- हत्यारे नाथूराम गोडसे के भक्त कहते हैं कि वह इसलिए निंदनीय नहीं है कि वह भारत में ही पैदा हुआ था- उसने बाहर से आकर आक्रमण नहीं किया था। इस प्रसंग में हमें याद रखना चाहिए कि
पहला, अकबर और उसकी औलादें भारत में ही पैदा हुए। ठीक वैसे ही जैसे हत्यारा गोडसे और उसके भक्त।दूसरा, इस बात की कोई गारंटी नहीं कि गोडसे और उसके भक्तों के पुरखे भारत से बाहर पैदा नहीं हुए थे। और तीसरा, इसकी भी गारंटी नहीं कि उक्त पुरखे बाबर की तरह ही आक्रांता के रूप में भारत नहीं आए थे।
हत्यारे हत्यारे ही होते हैं चाहे उनके पुरखे कहीं से भी किसी भी रूप में आए हों या यहीं पैदा हुए हों।
इससे पहले आईपीएस अनिल किशोर यादव ने ओलिंपिक पदक लानेवाली भारत की बेटियों के संघर्ष का समर्थन करते हुए लिखा-कथित ‘बाहुबल’ का मतलब आपराधिक बल।
हर न्यायप्रिय नागरिक को @Phogat_Vinesh और उनकी साथी पीड़िताओं की बहादुरी पर गर्व होगा।
सोशल मीडिया में आईपीएस का समर्थन करते हुए लोगों ने लिखा कि गोडसे को ये भक्त जितना भी सपूत कहें, लेकिन पूरी दुनिया उसे हत्यारा मानती है। उसकी प्रतिमा कभी इंग्लैंड-अमेरिका में स्थापित नहीं हो सकती। ये भक्त भी जब विदेश जाते हैं, तो वहां गोडसे का नाम लेने की हिम्मत नहीं होती। इन्हें गांधी के आगे ही सिर झुकाना पड़ता है। इस बीच कांग्रेस ने कहा कि देश में दो विचारधाराओं के बीच संघर्ष चल रहा है। एक तरफ गांधी हैं, दूसरी तरफ गोडसे है।
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