पटना कॉलेज परिसर में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कॉमरेड चन्द्रशेखर ‘चंदू’ की जयंती पर आइसा ने आइडिया ऑफ यूनीवर्सिटी विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया।
कार्यक्रम का संचालन आइसा नेता आकाश राव ने किया। कार्यक्रम के वक्ता पटना विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के शिक्षक डॉ आशुतोष कुमार तथा पटना साइंस कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ शोभन चक्रवर्ती थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ आशुतोष कुमार ने कहा कि कॉमरेड चंदू कि विरासत को आगे ले जाने के लिए कैंपसों को बचाने की जरूरत है। आज विश्वविद्यालयों में फंड कटौती हो रही है,स्कॉलरशिप को खत्म किया जा रहा है। चंदू कैंपस की छात्र राजनीति को व्यापक राजनीति से जोड़ना हमें सिखाया। एक तरफ पैसे और बाहुबल की राजनीति है और दुसरी तरफ चंदू की विरासत है जो वैकल्पिक राजनीति की बात करती है और धनबल और बाहुबल के खिलाफ़ में खड़ी है। आरक्षण पर हो रहे हमले के खिलाफ में खड़ी है।
डॉ शोभन चक्रवर्ती ने पटना विश्वविद्यालय की जर्जर हालात के कारणों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि गरीब छात्रों के लिए कैंपस के दरवाजे बंद हो रहे हैं। चंदू शोषितों पीड़ितों के आवाज थें और आज जब शोषितों पीड़ितों के लिए कैंपस बंद हो रहे हैं तो इसकी लड़ाई लड़ना बहुत जरूरी है। सरकारी स्कूली शिक्षा को खत्म करने के बाद अब उच्च शिक्षा को कॉर्पोरेट के हाथों में दे रही केंद्र सरकार के खिलाफ छात्रों की मजबूत मोर्चेबंदी करनी होगी।
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धन्यवाद ज्ञापन आइसा पटना विश्वविद्यालय सचिव कुमार दिव्यम ने किया। दिव्यम ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि कैंपस के सवालों पर आइसा मजबूत आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ेगा और वैचारिक हस्तक्षेप को भी मज़बूत करेगा। हमलोग कॉमरेड चंदू के वारिस हैं और उनके सपनों का भारत बनाने के लिए हम संघर्षरत रहेंगे। कार्यक्रम में आइसा राज्य सह सचिव आशीष साह, आदिति कुमारी, आर्यन कुमार, ऋषि राज, रूही कुमारी, करण कुमार, विश्वजीत कुमार साहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
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