आईआईटी के इतिहास में शायद यह पहली घटना है कि इस प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज के 50 पूर्व छात्रों ने शानदार नौकरी छोड़ कर नयी राजनीतिक पार्टी का गठन किया है. ये युवा बहुजनों के सम्मान और पिछड़ों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.
नवीन कुमार, संपत कुमार और विक्रांत नामक ये तीनों युवा मुजफ्फरपुर व सीतामढ़ी के हैं. इन तीनों ने देश भर के 47 दीगर आईआईटियंस को नौकरी छोड़ कर सियासत में आने की प्रेरणा दी है. इनका मानना है कि भारतीय राजनीति में बहुजनों को समा अवसर नहीं मिल रहा है. इनका मानना है कि जब तक एससी, एसटी और ओबीसी को निजी क्षेत्र व न्यायपालिका में आरक्षण नहीं मिलता तब तक देश में समानता स्थापित नहीं हो सकता.
बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर, जोतिबा फुले और एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाले ये युवा ओबीसी के लिए 60 प्रतिशत आरक्षण, सचर कमेटी की सिफारिशों को लागू करना और सामाजिक, आर्थिक न्याय के लिए संघर्ष का ऐलान के साथ राजनीति में कूद रहे हैं. बहुजन आजाद पार्टी यानी बाप 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
उच्च शिक्षा प्राप्त इन युवाओं के पास पालिटिकल विजन है और लांग टर्म प्लान भी है. ये युवा चाहते हैं कि राजनीति के माध्ययम से ही देश में समानता लाई जा सकती है.