IMF की चेतावनी, भारत व पिछड़े देशों की चरमराएगी अर्थव्यवस्था
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दी है। कहा, भारत में टीकाकरण की रफ्तार इतनी सुस्त है कि भारत सहित विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था चरमराएगी।
यह साबित हो चुका है कि कोरोना से बचाव का सबसे कारगर उपाय टीकाकरण ही है, लेकिन भारत में इसकी रफ्तार बहुत सुस्त है। आज ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कह दिया कि कल से 18 प्लस के लोगों को टीका नहीं मिलेगा। देशभर में टीका केंद्र लगातार बंद हो रहे हैं। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बड़ी चेतावनी दी है।
आईएमएफ की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और अन्य विकासशील देशों में महामारी के कारण अभी और भी बुरे दिन आ सकते हैं। रिपोर्ट तैयार करनेवाले अर्थशास्त्री रुचिर अग्रवाल और मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारत में जिस रफ्तार से टीकाकरण हो रहा है, उससे इस साल दिसंबर तक 35 फीसदी आबादी को ही टीका दिया जा सकेगा। भारत में कोरोना की दूसरी लहर और ब्राजील की भयावह स्थिति बताती है कि भारत सहित विकासशील देशों में सबसे बुरे दिन अभी आने बाकी हैं।
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आईएमएफ ने कहा कि भारत को अविलंब टीके की 100 करोड़ डोज का ऑर्डर देना चाहिए, ताकि 60 प्रतिशत आबादी को जल्द से जल्द टीका दिया जा सके।
संगठन ने कहा कहा कि कोरोना की पहली लहर में भारत के हेल्थ सिस्टम ने अच्छी तरह सामना किया, लेकिन दूसरी लहर में सिस्टम पर कोरोना भारी हो गया। लोग जांच, ऑक्सीजन, दवा के बिना मर रहे हैं। भारत को आयात नीति तुरत लचीला बनाने की जरूरत है, ताकि कच्चे माल की देश में तेजी से आपूर्ति हो सके।
इससे पहले प्रति व्यक्ति आय के मामले में बांग्लादेश ने भारत को पछाड़ दिया। यह वही बांग्लादेश है, जिसे एक समय अमेरिकी विदेश मंत्री ने बांग्लादेश को गरीबी की खाई (bootomless) कहा था। अभी बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय 2.80 अमेरिकी डॉलर हो गई है, जबकि भारत में प्रति व्यक्ति आय 1.947 डॉलर है। तो क्या भारत में आर्थिक तबाही अभी आनी बाकी है?