कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने रविवार को झारखंड के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया। वे अपने साथ भारत और झारखंड का नक्सा लिए थे, जिसे वे हर सभा में दिखा कर भाजपा से पूछ रहे थे कि बताइए झारखंड की सीमा किस देश से लगती है। झारखंड की सीमा बंगाल, ओड़िशा, बिहार और छत्तीसगढ़ से लगती है, तो विदेशी घुसपैठिए कहां से आ गए। उनकी बातों का भीड़ समर्थन करती दिखी।
इमरान प्रतापगढ़ी की सभाओं में गडब की भीड़ उमड़ रही है, जबकि उनकी सभाओं में ये भीड़ बसों से ढोकर नहीं लाई जाती। लोग खुद ही इमरान प्रतापगढ़ी को सुनने आ रहे हैं। भीड़ का आलम यह है कि जितनी भीड़ प्रधानमंत्री मोदी या राहुल गांधी की सभाओं में आ रही है, उससे कम लोग लोग इमरान को सुनने नहीं आ रहे।
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उन्होंने रविवार को मांडू, जरमुंडी, महागामा में सभाओं को संबोधित किया। कहा कि एक तरफ़ उनके नारे हैं – बंटेंगे कटेंगे, मंगलसूत्र छीन लेंगे, भैंस खोल ले जाएंगे, ढहा देंगे, गिरा देंगे…. दूसरी तरफ़ हम कह रहे हैं – आइए,नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलते हैं। आप किसके साथ खड़े हैं, नफ़रत या मुहब्बत ??? मैं झारखंड में भारत देश का नक्शा लेकर जनता के बीच जा रहा हूँ,असम के मुख्यमंत्री जी बतायें कि झारखंड की कौन सी सीमा है जो किसी दूसरे देश से जाकर मिलती है, झारखंड के लोगों को अपमानित करना बंद करिये। भाजपा नेताओं का हर नारा झूठा है, झारखंड में इनका हर प्रोपेगंडा विफ़ल हो गया है। एक सभा में कहा- देखना इंक़लाब आयेगा हर सितम का जवाब आयेगा। अच्छे दिन का किये थे जो वादा उनका दिन भी ख़राब आयेगा। झारखंड मेरे साथ गुनगुना रहा है, रौशनी का सैलाब दिख रहा है, इन उजाले में नफ़रत को हारना ही पड़ेगा।