कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वाशिंगटन पोस्ट ने कनाडाई अधिकारियों के हवाले से खबर प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि कनाडा स्थित अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर पर हमले की अनुमति दी। भारत ने आरोपों को खारिज किया है। इस बीच कनाडा ने भारत के छह राजनयिकों को देश से निष्काषित कर दिया है, जबकि भारत ने कहा कि उसने अपने अधिकारियों को वापस बुला लिया है। इधर भारत ने भी कनाडा के छह राजनयिकों को भारत से निष्काषित कर दिया है।
द वायर की खबर के मुताबिक कनाडा के अधिकारियों ने भारत सरकार से कहा कि भारत के राजनयिकों तथा अधिकारियों के बीच बातचीत और टेक्स्ट से पता चलता है कि अमित शाह और भारत में रॉ के अधिकारियों ने सिख अलगाववादी से जुड़ी सूचनाएं जमा करने तथा हमले के लिए अनुमति दी।
खबर में यह भी बताया गया है कि कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों तथा भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों व भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच हुई वार्ता में कनाडा ने यह बातें बता दी थीं। वार्ता 12 अक्टूबर को सिंगापुर में हुई थी। मालूम हो कि वाशिंगटन पोस्ट ने इससे पहले की अपनी खबर में अमित शाह के नाम का उल्लेख नहीं किया था। सिर्फ भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी लिखा था। लेकिन नई खबर में अखबार ने अमित शाह का नाम लिया है।
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वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने द वायर की खबर को सोशल मीडिया एक्स पर साझा करते हुए लिखा-अमित शाह ने हमले की अनुमति दी। एक अन्य ट्वीट में प्रशांत भूषण ने लिखा- अच्छा! कनाडा की सरकार ने अलगाववादी निझर की हत्या में अमित शाह के संबंध की खोज कर ली। हालांकि इससे हमें कोई आश्चर्य नहीं है। याद रहे सोहराबुद्दीन शेख की 2005 में गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में अमित शाह आरोपी थे। उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि अमित शाह ने फर्जी मुठभेड़ में मार देने को कहा था। बाद में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, तब कोर्ट ने उन्हें आरोपों से बरी कर दिया और सीबीआई ने भी केस में आगे अपील नहीं की।
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