दुनिया की सबसे बड़ी तथा अनुशासित पार्टी का दावा करने वाली भाजपा में पहली बार सिरफुटौव्वल दिख रहा है। रोज कोई-न-कोई नेता बिना नाम लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह पर निशाना साध रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में दस से अधिक उदाहरण सामने आ चुके हैं। सिरफुटौव्वल का केंद्र उत्तर प्रदेश बन गया है, जहां पार्टी दो खेमे में बंटी नजर आ रही है। एक खेमा अमित शाह से निर्देशित लग रहा है, तो दूसरा खेमा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का है। हाल में चुनाव समीक्षा में मुख्यमंत्री ने यह कह कर हमले का रुख मोड़ दिया कि पार्टी में हार की वजह अति आत्मविश्वास है। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि अति आत्मविश्वास के लिए कौन जिम्मेदार है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी तथा अमित शाह के बार-बार चार सौ पार का नारा देने की तरफ इशारा करते हुए उन्हें कटघरे में खींचने की कोशिश की गई है।

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भाजपा की सहयोगी निशाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद का वह बयान वायरल है, जिसमें उन्होंने पूछा कि बुलडोज़र चला कर लोगों का घर तोड़ेंगे तो जीतेंगे कैसे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख  ओपी राजभर ने पिछले दिनों यह कह कर हंगामा कर दिया कि चुनाव में हार के मोदी और योगी जिम्मेदार हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता मोती सिंह ने कहा है कि अपने 42 साल के राजनीतिक जीवन में इतना भ्रष्टाचार नहीं देखा। यह कह कर उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा प्रधानमंत्री मोदी दोनों पर निशाना साधा। वहीं भाजपा विधायक रमेश मिश्रा ने कहा कि यूपी में बड़ा बदलाव करना पड़ेगा, नहीं तो किसी हालत में जीत नहीं सकते। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है। प्रयागराज और बस्ती के भाजपाई कह रहे हैं, पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया है। उत्तर प्रदेश में अमित शाह बनाम योगी संघर्ष अब किसी से छुपा नहीं है। अब अक्टूबर में अगर भाजपा महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव हारती है, तो सिरफुटौव्वल संग्राम में तब्दील हो सकता है।

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By Editor


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