IPS अरविंद पांडे के पोस्ट पर बवाल-मोदी की गुलामी का आरोप
सोशल मीडिया में अरविंद पांडे, डीजी, सिविल डिफेंस के एक पोस्ट पर बवाल हो गया है। महागठबंधन ने इसे प्रधानमंत्री मोदी की गुलामी की संज्ञा दी है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और सिविल डिफेंस के डीजी अरविंद पांडे ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को छद्म अन्नदाता कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आंदोलन के कारण पंजाब में शांति-व्यवस्था को खतरा हो सकता है।
डीजी अरविंद पांडे के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार के प्रभारी भक्तचरण दास ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कहा, ऐसे अधिकारी गुलामी की आदत के शिकार हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसी गुलामी को संरक्षण देते हैं। इसीलिए सरकारी सेवक लोकसेवक कम और सत्ताधारी दल के नेता के सेवक अधिक बन जाते हैं। ऐसा करके देश को कहां ले जा रही है भाजपा और उसके नेता।
भक्तचरण दास ने नौकरशाही डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि जब इतने बड़े अधिकारी इस तरह की भाषा बोलने लगते हैं, तो लोकतंत्र कैसे बचेगा। भाजपानीत केंद्र सरकार लगातार लोकतांत्रिक संस्थाओं को समाप्त कर रही है। उन्होंने डीजी के बयान पर कहा कि ऐसे अधिकारी अपने बयानों से सरकार और सत्ता में बैठे नेताओं के ‘ईगो’ को बढ़ाते हैं। इन्हें जनता पर भरोसा नहीं है। जनता के आंदोलन को विनम्रता के साथ समझने, समस्याओं को दूर करने के बजाय आज सत्ता जनता के ही खिलाफ खड़ी हो गई है।
उधर, राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने भी डीजी अरविंद पांडे के सोशल मीडिया पोस्ट की कड़ी आलोचना की है और कहा कि उनका यह बयान देश के करोड़ों किसानों को आहत करनेवाला है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पोस्ट पटना और दिल्ली की सरकारों के इशारे पर किया गया है।
चितरंजन गगन ने कहा कि एक प्रशासनिक पद पर बैठा अधिकारी ऐसा राजनीतिक बयान कैसे दे सकता है। यह पोस्ट खुद उनके सर्विस रूल के खिलाफ है।\
लोकसेवक पद पर बैठ कर मोदी-योगी के प्रवक्ताओं को भी पछाड़ रहे हैं IPS अरविंद पांडेय
मालूम हो कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद पांडे पहले भी ऐसे विवादास्पद बयान देते रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुल कर सराहना की थी। उस समय भी प्रशासनिक पद पर रहते हुए राजनीतिक नेताओं के गुणगान पर लोगों ने आपत्ति जताई थी।