बिहार के वरिष्ठ IPS अधिकारी शिवदीप लांडे ने कहा कि वे राजनीति में नहीं आ रहे हैं। उनकी किसी राजनीतिक दल से बातचीत नहीं हुई है और बातचीत का इरादा भी नहीं है। ये बातें उन्होंने अपने ताजा फेसबुक पोस्ट में कही हैं। उनके नए पोस्ट से अटकलों पर विराम लगने के बजाय सस्पेंस और भी बढ़ गया। लोग पूछ रहे हैं कि आईपीएस की नौकरी छोड़ने के पीछ आखिर वजह क्या है?
शिवदीप लांडे का आईपीएस कैरियर शानदार रहा है। वे 2006 बैच के अधिकारी हैं। पूर्णिया में आईजी के पद पर हैं। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकृत नहीं हुआ है। पहले माना गया कि वे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। अगले साल ही चुनाव होना है। यहां तक कहा जा रहा था कि वे भाजपा या प्रशांत किशोर का जन सुराज ज्वाइन कर सकते हैं। अब उनके ताजा पोस्ट से लोग चकरा गए हैं।
लांडे मूलतः महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वे बिहार में 19 साल से हैं। कई जिलों में पुलिस अधीक्षक रहे हैं। उन्हें अपराध रोकने में सफल अधिकारी माना जाता रहा है। वे महाराष्ट्र वापस नहीं लौट रहे हैं, राजनीति में भी नहीं आ रहे हैं, तो क्या वे बिहार में कोई एनजीओ की स्थापना करके समाजसेवा करेंगे या बिहार के युवाओं के लिए कोचिंग सेंटर की शुरुआत करेंगे।
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मालूम हो कि पूर्व डीजीपी अभयानंद ने आनंद कुमार के साथ मिल कर सुपर 30 की शुरुआत की थी। बाद में वे इससे अलग हो गए और कई कोचिंग सेंटरों के मेंटर रहे। वे आईआईटी-नीट की तैयारी करने वाले छात्रों को फ्री कोचिंग देने के लिए ख्यात हैं। सवाल है कि क्या लांडे अपने सीनियर अभयानंद की राह पर चलेंगे। अभी तक लांडे ने अपने अगले कदम के बारे में कुछ भी साफ नहीं कहा है। देखें, वे क्या करते हैं, किस प्रकार बिहार की सेवा करना चाहते हैं।
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