नागरिकता संशोधन कानून से नाराज IPS अफसर का इस्तीफा
महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अफसर ने नागरिकता संशोधन विध्यक पास हो जाने के खिलाफ सिविल नाफरमानी का ऐलान करते हुए इस्तीफा दे दिया है.
आईपीएस अफसर अब्दुर रहमान ( Abdur Rahman) ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि यह कानून भारत के बहुलतावाद के खिलाफ है और इसका विरोध किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि इस कानून का लोकतांत्रिक तरीके से हर किसी को विरोध करना चाहिए.
स बिल को पेश करते हुए गृहमंत्री ने झूठे तथ्यों, और तर्कों का सहारा लिया गया और इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया. उन्होंने कहा कि इस कानून के बनने के बाद मुस्लिमों में खौफ का माहौल बना है और इससे देश को बांटने की कोशिश की गयी है
मुम्बई में आईजी के पद पर तैनात अब्दुर रहमान ने कहा है कि वह सिविल नफरमानी का ऐलान करते हैं और विरोध स्वरूप आफिस नहीं जायेंगे. रहमान ने कहा कि वह जल्द ही अपनी नौकरी से इस्तीफा देंगे.
गृहमंत्री ने देश से बोला झूठ
उन्होंने कहा कि इस बिल को पेश करते हुए गृहमंत्री ने झूठे तथ्यों, और तर्कों का सहारा लिया गया और इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया. उन्होंने कहा कि इस कानून के बनने के बाद मुस्लिमों में खौफ का माहौल बना है और इससे देश को बांटने की कोशिश की गयी है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अफसर अब्दुर रहमान ने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की और उसके बाद सिविल सेवा में शामलि हुए थे.
IAS की नौकरी छोड़ने वाले शाह फैसल की गवर्नर सत्यपाल मलिक ने की जमकर तारीफ
मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ देश भर में अनेक आईएस और आईपीएस अफसरों ने नौकरी छोड़ी और सामाजिक आंदोलनों में भाग ले चुके हैं. इससे पहले आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथन और उनसे पहले कश्मीर कैडर के अफसर शाह फैसल ने भी नौकरी छोड़ी थी.
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अब्दुर रहमान के भविष्य की योजनायें क्या हैं लेकिन उनके वक्तव्य से ऐसा लग रहा है कि वह लोकतांत्रिक प्रतिरोध के आंदोलनों का हिस्सा बनना चाहेंगे.