IPS विकास वैभव इन दिनों बता रहे कैसे करें व्यक्तित्व विकास
राज्य के वरिष्ठ IPS अधिकारी विकास वैभव इन दिनों लगातार बता रहे हैं कैसे करें अपने व्यक्तित्व का विकास। जानिए इसके लिए वे किन बातों पर जोर दे रहे हैं।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव युवाओं के बीच लोकप्रिय रहे हैं। इसकी खास वजह रही है कि खुद उन्होंने आईआईटी से पढ़ाई की है। आईआईटी में दाखिला लेना बिहार के छात्रों का सपना रहा है। इसके साथ ही वे नई पीढ़ी को प्रेरित भी करते रहे हैं। इन दिनों उनके ट्विट देखें, तो पाएंगे कि वे लगातार व्यक्तित्व विकास के मंत्र बता रहे हैं।
विकास वैभव का कुछ घंटे पहले का एक ट्विट आंखें खोलनेवाला है। उन्होंने संस्कृत का एक श्लोक लिखा है, जिसका अर्थ है अभिलाषा रखनेवाले, सब भोग करनेवाले, संग्रह करनेवाले और मिथ्या उपदेश देनेवाले सच्चे गुरु नहीं हो सकते। विकास वैभव का यह ट्विट आज की नई पीढ़ी को सचेत भी करती है और भविष्य की राह भी बताती है।
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एक दिन पहले उन्होंने लिखा-व्यक्ति भले त्रिदंड धरे, जटा रखे, गुफा या पर्वत पर रहे, वेद-पुराण, सिद्धांत पढ़े, लेकिन अगर हृदय शुद्ध न हो तब सब बेकार है। यहां भी वे आज की पीढ़ी से संवाद कर रहे हैं कि जीवन में पाखंड नहीं रहना चाहिए। यह कसौटी सबके लिए है।
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आईपीएस विकास वैभव ने दो दिन पहले लिखा-दुष्टों की मित्रता दिन में छाया की तरह मध्याह्न से पहले बड़ी होती दिखती है और धीरे-धीरे छोटी होती हुई मध्याह्न में समाप्त हो जाती है। वे नई पीढ़ी को सचेत करते हुए बता रहे हैं कि असली मित्र की पहचान कैसे करें। मध्याह्न यानी जब ठीक सिर के ऊपर सूर्य हो और जब सबसे ज्यादा धूप कड़ी होती है, जब छाया की सबसे अधिक जरूरत होती है, तब दुष्ट काम नहीं देते। वे सुबह में साथ रहते हैं यानी सुख में साथ रहते हैं, पर जब आदमी परेशानी में हो, तब साथ छोड़ कर भाग खड़े होते हैं।