इस लेखक का जवाब पूरी BJP में किसी के पास नहीं, आपके पास है?

लेखक अशोक कुमार पांडेय ने एक ऐसा सवाल खड़ा किया, जिसका जवाब पूरी भाजपा में किसी के पास नहीं, क्या आपके पास है? ये है सवाल-

लेखक अशोक कुमार पांडेय ने एक छोटा सा सवाल खड़ा किया, लेकिन वह पूरी भाजपा के लिए पहाड़ बन गया है। कोई जवाब देने नहीं आ रहा है। उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की तिरंगा लिये तस्वीर के साथ लिखा- मैंने अपनी DP अपने प्रिय नेता जवाहरलाल नेहरू के हाथ में लिए तिरंगे की लगाई है। मेरी चुनौती है कि सावरकर, गोलवलकर या श्यामाप्रसाद मुखर्जी के प्रशंसक अपने नेता के हाथ में तिरंगे वाली DP लगाएँ। मंज़ूर है?

घंटों बीत गए, पर लेखक की चुनौती किसी ने अब तक स्वीकार नहीं की। इसी के साथ सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छिड़ गई है। आप लेखक के ट्विटर अकाउंट पर जाएं, तो आपको इतिहास, परंपरा, विरासत सब पर अच्छी और रोचक जानकारी मिलेगी। भाजपा समर्थकों के पास कोई जवाब नहीं है, तो किस तरह कुनमुना रहे हैं, इसकी झलक भी आपको मिलेगी। एक ने लिखा कि महात्मा गांधी की तिरंगे के साथ तस्वीर लगाओ, तो जानें। इस पर लेखक ने करारा जवाब दिया-उन्हें एक ग़द्दार ने तिरंगे के राष्ट्रध्वज बनने से पहले शहीद कर दिया था।

संदीप गुप्ता ने लिखा-सरदार पटेल से पत्रकार ने पूछा – गोलवलकर कहते हैं, तिरंगा राष्ट्र के लिए अशुभ होगा, क्योंकि तीन संख्या हिन्दू धर्म में अशुभ होती है। पटेल बोले – जिस इंसान को ये समझ न हो कि, हिंदू धर्म में मुख्य देवता ही तीन हैं, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, उसके बारे में क्या कहें हम।

लेखक अशोक कुमार पांडेय ने नेहरू की तिरंगे के साथ तस्वीर अपनी डीपी में लगाई, तो यह आंदोलन बन गया। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी भी इस अभियान से जुड़ गई। राहुल गांधी समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता अपनी डीपी में यही तस्वीर लगा चुके हैं। इसी के साथ तिरंगा भी संघ-भाजपा की विचारधारा के खिलाफ हमले का मजबूत माध्यम बन गया। यह बहस 15 अगस्त तक चली, तो भाजपा के लिए परेशानी हो सकती है।

महज तिरंगा फहरा देना काफी नहीं है, बल्कि जरूरी है इसका इतिहास, इसका मतलब भी समझें। तीन रंगों का अर्थ क्या है, बीच में चक्र किस बात का प्रतीक है, यह सब जानना जरूरी है। यह भी जानिए कि जब देश ने तिरंगे को अपनाया, तो किसने विरोध किया। तिरंगे में पूरी विरासत है, उसे भी जानिए।

महंगाई पर सुशील मोदी बोले- नहीं है… थोड़ा है..नहीं-नहीं-हां-हां

By Editor


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