इस फोटो को देखिए और इसके संदेश को समझिए

ये फोटो म्यांमार या चीन का नहीं है, बल्कि ‘लोकतंत्र की जननी’ भारत का है। ये फोटो शायद ही कल किसी अखबार में दिखे। इसे देखिए और इसके संदेश को समझिए।

कुमार अनिल

देश के 18 विपक्षी दलों के सांसद संसद परिसर से प्रदर्शन निकाल कर ईडी दफ्तर जाना चाहते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने भारी बंदोबस्त करके उनका रास्ता रोक दिया। सांसदों को हिरासत में लेने के बाद उन्हें बस में भरने के लिए भी पूरा इंतजाम दिख रहा है। प्रेस प्रतिनिधियों को निकट जाने की इजाजत नहीं थी। वे दूर से फोटो तो ले सकते थे, पर उनकी बात रिकार्ड नहीं कर सकते थे। विभिन्न दलों के ट्वीट से जानकारी मिली कि विपक्षी सांसद मोदी-अडानी भाई-भाई के नारे लगा रहे थे। बस इसी नारे को, इसी आवाज को रोकने के लिए पुलिस का इतना इंतजाम किया गया था। जबकि यही आवाज तो लोकतंत्र की आत्मा होती है।

ये फोटो लंबे समय तक याद किया जाएगा। इस फोटो में देश की दिशा और दशा दोनों देखी जा सकती है। फोटो देककर यह न समझिए कि मामला केवल विपक्षी सांसदों का है, दरअसल यह फोटो हर नागरिक के लिए संदेश दे रहा है।

संसद में सरकार मोदी-अडानी रिश्तों की जांच के लिए जेपीसी से कराने को तैयार नहीं है। संसद को चलाने में सरकार की भूमिका प्रमुख होती है, लेकिन सत्ता पक्ष ही सदन को चलने नहीं दे रहा। उसकी मांग है कि राहुल गांधी अपने लंदन भाषण के लिए माफी मांगें, जबकि विपक्ष का कहना है कि राहुल गांधी ने कुछ भी गलत नहीं कहा। विपक्षी दल लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशों में दिए भाषण का वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें वे देश के बारे में क्या-क्या नहीं बोल रहे हैं।

सांसदों की आवाज ही नहीं रोकी जा रही, बल्कि दो दिन पहले उत्तप्रदेश में एक युवा पत्रकार को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया कि उसने मंत्री से इलाके के विकास के बारे में सवाल पूछ दिया था। सांसद-पत्रकार की आवाज दबाई गई, तो जनता की आवाज सामने कैसे आएगी, क्योंकि जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने के ये दो माध्यम हैं। कांग्रेस ने कहा-लोकतंत्र के खिलाफ खड़ी मोदी मशीनरी .

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