बिहार में किशोरों की स्थिति के बारे में एक स्वतंत्र अध्ययन आज राज्‍य के शिक्षा मंत्री के एन प्रसाद वर्मा,  स्वास्थ्य मंत्री, मंगल पांडे और सामाजिक समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजु वर्मा द्वारा जारी किया गया. बिहार और उत्तर प्रदेश में यह पहला सर्वे है, जो किशोरों के जीवन, जैसे शिक्षा, रोजगार, एजेंसी, सामुदायिक जीवन, नागरिकता,स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक समावेश के कई पहलुओं को समाहित करते हैं. अध्ययन के निष्कर्ष राज्य के 36 जिलों के 10,433 किशोरों के साक्षात्कार पर आधारित हैं.

नौकरशाही डेस्‍क

शोधकर्ता डॉ के.जी. संथा ने अपने अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों को साझा करते हुए कहा कि इस अध्ययन ने शिक्षा, रोजगार, आर्थिक समावेश, एजेंसी, सामुदायिक जीवन,नागरिकता, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दों में पर काम किया की. 2007 के मुकाबले 2016 में बहुत अधिक बच्चे स्कूल जा रहे हैं. बचत बैंक खाते के साथ किशोरों का अनुपात काफी बढ़ गया है. 2007 में 2-8 प्रतिशत के मुकाबले2016 में 34-52 प्रतिशत से अधिक किशोरों के पास अपना बैंक खाता है.

अध्‍ययन में किशोरावस्था में आने वाली चुनौतियों के निष्कर्षों को डॉ संथा ने कहा कि आज के माहौल में किशोरों में हिंसा के प्रसार व्‍यापाक हुआ है. हर पांच किशोर में कम से कम एक ने अपने पिता को अपनी मां को मारते देखा है, और हर दो किशोर में कम से कम एक ने अपने माता-पिता के हाथों से शारीरिक हिंसा का अनुभव किया है. यह पर्याप्त प्रमाण हैं कि हिंसक परिवारों में पलने वाले बच्चे, जब बड़े हो जाते हैं, तब उनमें हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ने की संभावना रहती है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि बिहार में हर 14 विवाहित लड़कियों में से एक किशोर निराश थे. साथ ही लड़कों और लड़कियों के बीच असमानताओं को कम करने और किशोरों की कमजोरियों के लिए शुरुआती चेतावनी के संकेतों को मजबूत करने के लिए अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.

इस दौरान शिक्षा मंत्री  के.एन. प्रसाद वर्मा ने कहा कि मैं इस तथ्य के प्रति जागरूक हूं कि हमें न सिर्फ संख्याओं में सुधार करने के तरीकों की खोज की ज़रूरत है, बल्कि गुणवत्तापूण शिक्षा की भी जरूरत है. इसके लिए हमारी सामूहिक जिम्‍मेवारी बनती है कि हम सोचें कि इन किशोरों की सहायता कैसे कर सकते हैं. हमें ऐसे संगठनों के समर्थन की आवश्यकता है, जैसे जनसंख्या परिषद, हमारी शिक्षा प्रणाली और हमारे शिक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए इसकी सहायता का विस्तार करें. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि उदया का अध्‍ययन समाज और सरकार के लिए उपयोगी है. इसके आधार पर सरकार और समाज के लोगों को एक कार्यक्रम तय करना होगा, तभी बेहतर परिणाम मिल सकेगा.  इसके लिए जन सरोकार, जन भागीदारी और जन सहयोग की जरूरत है।

समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा जी ने इस रिपोर्ट पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उदया का अध्ययन इस समय पर महत्वपूर्ण अध्ययन है जो हमें बिहार के किशोरों के बारे में जानकारी प्रदान करता है. ऐसे साक्ष्य हमारे कार्यक्रमों को मार्गदर्शन करने में सहायक हैं. हमें हमारे प्रयासों के प्रभाव को मापने के लिए अनुमति देता है. साथ ही उन्‍होंने बढ़ती जनसंख्‍या पर भी अपनी चिंता जाहिर की और  राज्‍य सरकार द्वारा दहेज प्रथा उन्‍मूलन और बाल विवाह निषेध अभियान के बारे में चर्चा की.  महिला विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ एन विजयलक्ष्मी ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि हमें लिंग असंतुलन को कम करने की जरूरत है, और उदया रिपोर्ट के अनुसार इस पर समान रूप से काबू पाने की जरूरत है. महिला विकास निगम किशोरों के लिए अपना काम मजबूती  से कर रही है. यूनिसेफ के सहयोग से हम जल्द ही एक किशोर सेल की स्थापना करने जा रहे हैं, ताकि किशोरावस्था की लड़कियों की जरूरतों पर व्यापक रूप से काम हो सके. इसके लिए किशोरियों के विकास से संबंधित विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी.

यह अध्ययन जनसंख्या परिषद द्वारा बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और डेविड एंड लुसिले पैकार्ड फाउंडेशन के समर्थन के साथ आयोजित किया गया था. कार्यक्रम का आयोजन वीमेन डेववलपमेंट कारपोरेशन, बिहार सरकार और पॉपुलेशन काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा पटना के पटना के होटल लेमन ट्रीट प्रीमियर में किया गया.

 

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427