जब दुष्कर्म पीड़िता के लिए IPS अधिकारी बनीं डॉक्टर व मां
एक आईपीएस अधिकारी अपनी ड्यूटी से कहीं अधिक मानवता का ध्यान रखते हुए एक दुष्कर्म पीड़िता की खुद सेवा करने लगे, दवा दे, तो वह मिसाल बन जाता है।
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आज आईपीएस एसोसिएशन ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट साझा की है। रिपोर्ट में आईपीएस अधिकारी डॉ. प्रज्ञा जैन की चर्चा है, जिसमें उन्होंने अपनी ड्यूटी से कहीं आगे बढ़कर एक दुष्कर्म पीड़िता बच्ची की देखभाल की, दवाएं और जरूरी मदद दी।
घटना लुधियाना की है। वहां एक महिला ने अपनी बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की शिकायत की। घटना को गंभीरता से लेते हुए खुद आईपीएस अधिकारी डॉ. प्रज्ञा जैन अस्पताल पहुंच गईं। बच्ची की हालत खराब थी और उसकी देखभाल करने के लिए बच्ची के परिवार का कोई नहीं था। आईपीएस अधिकारी डॉ प्रज्ञा जैन अपनी ड्यूटी से कहीं आगे बढ़कर बच्ची की सेवा में लग गई।
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डॉ. प्रज्ञा जैन ने बच्ची को अकेला देख वहीं रुकने का निर्णय लिया। वे खुद भी डॉक्टर हैं, इसलिए उन्हें मालूम था कि किस तरह बच्ची को बेहतर इलाज दिया जा सकता है। वे खुद देखभाल में लग गईं।
डॉ. प्रज्ञा जैन का बचपन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़ौत में बीता। यहीं स्कूली शिक्षा मिली। उन्होंने दिल्ली में अपना क्लिनिक भी खोला था और गरीब मरीजों की हर तरह से सहायता करती थीं। मानवता के प्रति यह समर्पण का भाव आईपीएस अधिकारी बनने के बाद भी कायम है। उन्होंने जिस तरह दुष्कर्म पीड़िता की मदद की, इसकी आईपीएस एसोसिएशन ने भी सराहना की है। एसोसिएशन ने इस कार्य को पुलिस का मानवीय चेहरा बताया है।
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डॉ. प्रज्ञा जैन ने न सिर्फ एक मां और डॉक्टर की भूमिका निभाई, बल्कि दोषियों को पकड़ने के लिए भी लगातार काम कर रही हैं। दुष्कर्म के खिलाफ हो रहे उग्र प्रदर्शन को भी उन्होंने अपने प्रयास से शांत कराया और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।