जेल में दो साल पूरे होने पर उमर खालिद ने लिखी मार्मिक चिट्ठी
जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद को जेल में रहते आज दो साल पूरे हो गए। अपने मित्र रोहित को लिखी मार्मिक चिट्ठी। देश की राजनीति पर भी की गंभीर टिप्पणी।
जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद के कई भाषण आपको यू-ट्यूब पर मिल जाएंगे। आप जरूर सुनिए। आपको पता चलेगा कि देश के संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, भारत की विविधता, स्वतंत्रता आंदोलन, गांधी, भगत सिंह से लेकर आंबेडकर के विचारों की कितनी गहरी समझ है। 13 सितंबर को जेल में रहते उनके दो साल पूरे हो गए।
इसी साल 15 अगस्त को रोहित ने उमर खालिद के नाम एक खुली चिट्ठी लिखी थी। उमर खालिद ने उस चिट्ठी का जवाब दिया है। खालिद के पत्र को द वायर ने विस्तार के साथ प्रकाशित किया है। पत्र की शुरुआत मार्मिक अनुभवों से की गई है, फिर देश की मौजूदा स्थिति पर उनकी गंभीर टिप्पणी है।
उमर खालिद ने लिखा है कि पिछले दो साल से वे हर शाम लाउडस्पीकर से की जानेवाली घोषणा सुन रहे हैं। हर शाम उन लोगों के नाम बताए जाते हैं, जो आज जेल से रिहा हो रहे हैं। खालिद लिखते हैं कि इन नामों को सुनते हुए मन में विचार आता है कि पता नहीं उनका नाम कब पुकारा जाएगा। वे सोचते हैं कि क्या उनका नाम भी जल्द ही लाउडस्पीकर से पुकारा जानेवाला है या अभी उनके जेल में रहने का मध्य काल है या कई बार यह भी विचार आता है कि क्या उन्हें जो यातनाएं झेलनी हैं, उसकी तो बस यह शुरुआत ही है। उमर खालिद के इन भावों पर एक क्षण रुक कर विचार करिए, तो दिल हिल जाएगा। कोई आदमी जेल में है, दो साल से है, कोई आरोप की पुष्टि नहीं हुई है, जो देश-समाज की एकता के लिए इतने सुलझे विचार रखता है, उसके मन में कैसे तूफान उठते होंगे।
उमर खालिद लिखते हैं कि जिनके नाम पुकारे जाते हैं, उनके चेहरे पर वे परमानंद की अनुभूति देखते हैं। वे आगे लिखते हैं कि देश आजादी का अमृत काल मना रहा है, लेकिन आजादी के लिए बोलने वाले, जो जेल में बंद हैं, उन्हें तो लगता है कि आज राज (अंग्रेजी राज) लौट आया है। पत्र लंबा है। विस्तार से पढ़ने के लिए द वायर देखें।
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