जल जीवन हरियाली की बदहाली से संकट में ऐतिहासिक तालाब
छौड़ादानो प्रखंड में ऐतिहासिक तालाब मर रहा है। इसके एक तरफ सुकुल बाबा का मठ है और दूसरी तरफ मस्जिद है। चारों तरफ गंदगी, झाड़ से लोग परेशान।
नेक मोहम्मद
पूर्वी चंपारण जिला के छौड़ादानो प्रखंड में जल जीवन हरियाली का खुल रहा है पोल। जल जीवन हरियाली के नाम पर हो रहा है लूट खसोट। छौड़ादानों में एक ऐतिहासिक तालाब है जिसका आज तक साफ सफाई नहीं किया गया। यह तालाब सुकुल बाबा मठ के पश्चिम दिशा में मौजूद है। ऐतिहासिक तालाब के पूरब तरफ शुकुल बाबा का मठ मौजूद है। पश्चिम तरफ रोड है उत्तर की तरफ धार्मिक मस्जिद है। दक्षिण की तरफ एक पइन है जहां पानी बहता रहता है। इस तालाब में पहले लोग नहाते थे और नहा कर मठ में पूजा करने जाते थे, लेकिन अभी इस तालाब का स्थिति ऐसा है कचरा से भरा हुआ है। उसमें कई सारे पौधे हैं। तालाब के चारों तरफ गंदगी ही गंदगी फैला हुआ है। इस बाजार के स्थानीय लोगों द्वारा तालाब में कचरा डाला जाता है गन्दे नाले का पानी बहाया जा रहा है। जिससे चारों तरफ बदबू फैला हुआ है। इस बदबू के कारण नए बीमारी का जन्म ही दे रहा है।
एक तरफ सरकार जल जीवन हरियाली के तहत सौंदर्यीकरण कराने की बात करती है तो दूसरी तरफ तालाब की उपेक्षा हो रही है। तालाब 100 वर्षों से ज्यादा पुराना है। इसके पहले नौकरशाही डॉट कॉम इस तालाब की उपेक्षा का न्यूज़ निकाल चुका है, फिर भी इस तालाब पर न प्रखंड विकास पदाधिकारी न अंचला अधिकारी का न जनप्रतिनिधि का ध्यान है। इसलिए तालाब अपने वजूद पर फूट फूट कर रो रहा है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी नीरज सिंह का बयान है कि यह तो अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं था। आपके द्वारा संज्ञान में आया है। प्रमुख सुनीता देवी पति धीरेंद्र यादव का कहना है कि जल जीवन हरियाली में आता है तो इसका साफ सफाई होना चाहिए अच्छा पार्क बनेगा हम इसका साफ-सफाई करवाते हैं। जिला पार्षद दिलीप कुमार का कहना है कि सबसे बड़ी बात है कि नाली का पानी गिराने का कोई जगह नहीं है जो वार्ड शायद नाली बनवाये। हम लोग बोले तो बोले कि हम पानी कहां गिराएं।
भेलवा पंचायत के मुखिया मदन प्रसाद साह का कहना है कि मनरेगा के तहत सौंदर्यीकरण कराने के लिए हम प्रस्ताव दे डाले हैं उसके पहले दूसरी वरीयता में है। पहले जानता चौक से पश्चिम दक्षिण भेलवा छठ घाट वाला है। पहले उस तालाब का काम कराना है उसके बाद इस तालाब का काम करेंगे।
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