जलवायु परिवर्तन के आसन्न खतरों के प्रति सजग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनप्रतिनिधियों को पर्यावरण सरंक्षण के लिए उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने की न केवल नसीहत दी, बल्कि इस समस्या के समाधान के लिए पूरे राज्य में जल, जीवन और हरियाली अभियान शुरू करने की घोषणा भी की।
श्री कुमार ने विधानसभा के विस्तारित भवन के सेंट्रल हॉल में ‘राज्य में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाजनक स्थिति पर विमर्श’ के लिए आयोजित बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि जलवायु परिवर्तन से वर्षापात में गिरावट, भूजल स्तर में कमी, पेयजल संकट, सूखे और बाढ़ की स्थिति जैसी अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में लोगों को पर्यावरण के बारे में जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए पूरे राज्य में जल, जीवन और हरियाली अभियान चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल, जीवन और हरियाली अभियान को लेकर एक नई योजना के साथ-साथ उसके क्रियान्वयन की भी रणनीति तैयार की जायेगी। इसके लिए राज्य में प्रभावशाली तरीके से काम करने के साथ ही उसकी निगरानी का भी प्रबंध करना होगा। उन्होंने कहा कि निगरानी के लिए एक स्वतंत्र निकाय का गठन किया जाएगा, जिसमें सभी दल के सदस्य शामिल रहेंगे ताकि पूरी पारदर्शिता के साथ नियमित रूप से काम होता रहे।
श्री कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एक माह के अंदर जल, जीवन और हरियाली अभियान ही नहीं बल्कि इसकी एक योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन भी शुरू करा दें। इसके लिए जो धनराशि की आवश्यकता होगी उसका प्रबंध पूरक बजट के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में जलवायु परिवर्तन का खतरा अभी कम है, इसके पहले ही सचेत हो जायें तो दूसरे जगह के लोग आकर उसे देखेंगे और उसे अपनायेंगे। उन्होंने कहा कि आज की यह बैठक असाधारण और प्रभावकारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि कुछ मामलों में बिहार के लोग काफी अलग हैं। सामाजिक, प्राकृतिक विषयों पर राज्य के लोग सदैव एकजुटता दिखाते रहे हैं, जिससे उत्साह पैदा होता है। इस विषय पर पूरे बिहार के लोग गंभीर और एकजुट हैं।