जमीयत उलमा-ए-हिंद हाथरस हादसे में मरने वालों सभी हिंदू भाइयों के परिजनों तथा घायलों की मदद करेगा। चार दिन पहले हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे। सोशल मीडिया पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा आर्थिक मदद किए जाने की चर्चा है। सोशल मीडिया एक्स पर पत्रकार अली सोहराब ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। नौकरशाही डॉट कॉम ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की बिहार इकाई के सचिव डॉ. अनवारुल होदा से संपर्क करके सच्चाई जाननी चाही, तो उन्होंने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि हाथरस में सत्संग के दौरान इतने लोगों की मौत बेहद दुखद है। जमीयत-उलमा-ए-हिंद लोगों के दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा है और इसीलिए संगठन ने पीड़ितों की आर्थिक मदद करने का फैसला लिया है। मृतकों के परिजनों को 10 हजार रुपए तथा घायलों को पांच हजार रुपए मदद दी जाएगी।
जमीयत उलमा-ए-हिंद जिस प्रकार हिंदू पीड़ित परिवारों की मदद के लिए आगे आया है, वह सचमुच सराहनीय है। यह भाईचारे की मिसाल है। हिंदू-मुसलमान सदियों से एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी रहे हैं। एक साथ मिल-जुल कर रहते रहे हैं। इस भाईचारे और मोहब्बत से ही कोई समाज, कोई देश आगे बढ़ता है। डॉ अनवारुल होदा ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद इसी भाईचारे और मोहब्बत के लिए समर्पित है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद पहला संगठन है, जिसने हाथरस के पीड़ित परिवारों की मदद करने की घोषणा की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि जमीयत की इस घोषणा के बाद अन्य संगठन भी हाथरस के पीड़ितों की मदद में आगे आएंगे।
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मालूम हो कि कल ही लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी हाथरस पहुंचे थे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और सरकार से दिल खोल कर पीड़ितों की मदद करने की अपील की थी।