जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्ववाले इंडिया गठबंधन ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। अनुच्छेद 370 हटाना भाजपा को भारी पड़ गया। गठबंधन ने 49 सीटें जीत ली हैं, जबकि भाजपा 29 सीटों पर ही सिमट गई। ये सीटें भी केवल जम्मू क्षेत्र की हैं। एनसी नेता फारुख अब्दुल्ला ने थोड़ी देर पहले कहा कि उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनेंगे। वे दो सीटों पर प्रत्याशी थे और दोनों ही सीटों से जीत हासिल करने में कामयाब रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 हटा दिया था। उसके बाद कश्मीर के सारे नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। बुजुर्ग फारुख अब्दुल्ला को भी गिरफ्तार कर लिया गया। नेताओं को घर से निकलने की मनाही थी। जिस तरह से वहां विपक्ष की आवाज दबाई गई, दमन किया गया, कई पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया। मीडिया भी विरोध में नहीं लिख सकता था। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया तथा राज्य का दर्जा भी छीन लिया। फिलहाल जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित राज्य है। यहां जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग भी बड़ी मांग है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम में नेशनल कॉन्फ्रेंस को अकेले 42 सीटें मिली हैं। छह सीट पर कांग्रेस जीती है और एक सीट सीपीएम। इस प्रकार गठबंधन को कुल 47 सीट मिली। भाजपा को 29 सीटें मिली हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना नौसेरा सीट से सात हजार वोटों से हार गए। सात निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिली है, जबकि पीडीपी को केवल तीन सीट रक जीत मिली है।
————
चिंता की बात : CM एक शब्द नहीं बोले, अधिकारी भी चुप, 9 मिनट में बैठक खत्म
इस बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इंडिया गठबंधन की जीत पर फारुख अब्दुल्ला तथा उमर अब्दुल्ला को बधाई दी है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की जनता को भी बदाई दी कि उसने चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाई। इससे पहले वे कह चुकी थीं कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने में उनके सहयोग की जरूरत होगी, तो वे समर्थन करेंगी, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद अब इसकी जरूरत ही नहीं रही।
हरियाणा में जाट विरोधी लहर में भाजपा को मिली बड़ी जीत