जनांदोलन की पृष्ठभूमि बनाने के लिए तेजस्वी ने स्पीकर को लिखा पत्र
तेजस्वी यादव नीतीश सरकार को असंवेदनशील कहते हैं। जानते हैं कि पत्र लिखने का असर इस सरकार पर नहीं पड़ेगा। इसकी बावजूद पत्र लिखने की क्या है वजह?
कुमार अनिल
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पिछले 23 मार्च को विधानसभा के भीतर विधायकों की पिटाई, उन्हें अपमानित करने के खिलाफ आज विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने विस्तार से बताया है कि किस प्रकार विधायकों को विधानसभा के भीतर पीटा गया। आज भी कई विधायक अस्पताल में हैं। उन्होंने दोषी अधिकारियों को बरखास्त करने की मांग की है।
तेजस्वी ने विधायकों पर हमले को लोकतंत्र पर हमला करार दिया है। देश में आजतक किसी विधानसभा के भीतर इस तरह पुलिस नहीं घुसी है, पीटने की बात तो अकल्पनीय रही है। लेकिन नीतीश सरकार में सदन में पुलिस घुसी ही नहीं, विधायकों को लात-घूंसों से पीटा भी।
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कई लोग मानते हैं कि घटना तो बहुत बड़ी है। लेकिन सरकार धीरे-धीरे इसकी लीपा-पोती कर देगी। सरकार की मंशा पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मारपीट के इतने वीडियो और प्रमाण के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, उल्टे सरकार विधायकों की भूमिका की जांच करेगी। संभव है यह प्रमाणित करने की कोशिश की जाए कि विधायकों की उग्रता के कारण ही पुलिस बुलानी पड़ी। पटना के कई अखबारों ने घटना के दूसरे दिन ऐसी हेडिंग लगाकर सरकार को बचाने का रास्ता भी दिखाया है। तो पत्र लिखकर तेजस्वी ने सरकार की लीपापोती की कोशिश के खिलाफ भूमिका लिख दी है।
तेजस्वी बार-बार कहते हैं कि यह सरकार जनता के मुद्दों पर असंवेदनशील है, इसके बावजूद उन्होंने पत्र लिखा। इसकी दो वजहें हैं।
तेजस्वी के पत्र लिखने की पहली और बड़ी वजह है एक बड़े आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार करना। वे जानते हैं कि आज, नहीं तो कल जनता के सारे मुद्दे एक ही राजनीतिक नारे में तब्दील होंगे। वह नारा होगा-नीतीश गद्दी छोड़ो या मुख्यमंत्री इस्तीफा दो।
अभी नई सरकार को बने पांच महीने भी नहीं बीते हैं। इसके बावजूद सरकार लगातार बैकफुट पर नजर आती है। कभी अपराध के मुद्दे पर, कभी रोजगार के मुद्दे पर। कई बार सरकार अड़ गई है, कई बार उसे पीछे भी हटना पड़ा है। जहरीली शराब से मरने की घटना को सरकार ने शुरू में तवज्जो नहीं दी। फिर एक चौकीदार को सस्पेंड किया। इसके बावजूद सवाल उठते रहे, तो थानेदार को सस्पेंड करना पड़ा। यह सरकार के पीछे हटने का उदाहरण है।
कई मामलों खासकर रोजगार के मुद्दे पर सरकार बगलें झांक रही हैं। बगलें झांकना मतलब फंस जाने पर भागने का रास्ता खोजना।
पत्र लिखने की दूसरी वजह भी महत्वपूर्ण है। तेजस्वी पत्र लिखकर राजद से बाहर के ऐसे लोकतांत्रिक समूहों को करीब लाना चाहते हैं, जो विभिन्न कारणों से अबतक नजदीक नहीं आ पाए हैं। तेजस्वी यह भी दिखाना चाहते हैं कि वे सिर्फ जोश वाले युवा नेता ही नहीं हैं, बल्कि धीरज के साथ किसी मुद्दे को परिपक्व बनाते हैं।