नागरिकता विरोधी आंदोलन नेतृत्व उभार का सुनहरा अवसर है- Ashfaque Rahman
जनता दल राष्ट्रवादी ने देश भर में नागरिकता के काले कानून के खिलाफ शांतपूर्वक चल रहे आंदोलन को
को उत्साहजनक बताया है.
जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने नेतृत्वकर्ताओं से आग्रह किया है कि वे लोगों को बतायें कि आजादी के 72 वर्षों बाद देश के 35 करोड़ लोगों को सड़कों पर क्यों उतरना पड़ा. इस बात से पर्दा उठाने की जरूरत है
की केंद्र सरकार क्यों देश को हिंदू-मुस्लिम करना चाहती है. उन्होंने कहा कि आज मुल्क का मुसलमान पर हाशिये पर क्यों है. मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सिविल सर्विसेज, मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रों और फौज में कम क्यों है. क्यों इतनी बड़ी आबादी को ले कर रहेंगे आजादी के नारे के साथ क्यों सड़कों पर उतरना पड़ा है. क्यों मुसलमान अपने नेताओं को नहीं स्वीकार करते.
अशफाक रहमान ने इन सवालों का खुद ही जवाब देते हुए कहा कि दर असल हम दूसरे की जीत में अपनी जीत समझते हैं और दूसरे की हार में अपनी हार देखते हैं. उन्होंने कहा कि हम भाजपा को हराने के चक्कर में हर रोज हारते हैं.
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हम जिंदा लाश नहीं, जिंदा कौम हैं जो हो जाये कागज नहीं दिखायेंगे-Ashfaque Rahman
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अशफाक रहमान ने कहा कि हमें सोचना चाहिए कि आरएसएस के लोग मुकम्मल तौर पर भाजपा में हैं और बाकी लोग कांग्रेस में है.इसके अलावा हर छोटी बड़ी पार्टियों में भी आरएसएस के लोग भरे पड़े हैं. और मुसलमान भी इन्हीं छोटी-बड़ी पार्टियों में शामिल होते हैं.
अशफाक रहमान ने कहा कि जिस कम्युनिटी के पास अपना लीडर नहीं होता उस समाज को रोहिंग्या की तरह कुचल दिया जाता है.
अशफाक रहमान ने कहा कि हमें भाजपा को हराने के बजाये अपनी जीत की तरफ चलना होगा. और यह तब संभव है जब हम अपनी लीडरशिप विकसित करें. हमें अपनी लीडरशिप आगे बढ़ानी होगी . अशफाक रहमान ने जोर दे कर कहा कि यह समय अपनी लीडरशिप उभारने का दौर है. लिहाजा समाज को बड़ी रणनीति के तहत इस पर काम करने की जरूरत है.
अशफाक रहमान ने कहा कि अगर हमने ऐसे दौर में अपनी लीडरशिप खड़ी नहीं की तो अगले पचास साल के लिए हमें चीखने चिल्लाने के
लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा कि आंदोलनों से समाज में जागृति आती है और अपना नेतृत्व उभरता है.