उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पूर्ववर्ती राजद सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुऐ कहा कि राज्य में वर्ष 2005 के पहले विकास कार्यों पर बजट का महज 20 प्रतिशत ही खर्च होता था।

श्री मोदी ने पटना में बिहार प्रशासनिक सेवा संघ की आम सभा के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में वर्ष 2005 के पहले वेतन, पेंशन एवं अन्य गैर योजना पर कुल बजट का 80 फीसदी और विकास कार्यों पर मात्र 20 प्रतिशत खर्च होता था। वहीं, अब दो लाख करोड़ रुपये के बजट में योजना एवं गैरयोजना मद में करीब बराबर-बराबर खर्च का प्रावधान है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में वर्ष 2005-06 में कुल बजट में योजना व्यय 4898.68 करोड़ रुपये की तुलना में गैर योजना व्यय 17669 करोड़ रुपये यानी तीन गुना से भी ज्यादा था। उन्होंने बताया कि इस साल बिहार के दो लाख 501 करोड़ रुपये के बजट में 99110.01 करोड़ रुपये स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय (गैर योजना) और 101391.00 करोड़ स्कीम यानी योजना व्यय प्रस्तावित है। श्री मोदी ने बताया कि स्थापना एवं प्रतिबद्ध मद से वेतन एवं पेंशन पर इस साल 2005-06 के 8800 करोड़ रुपये की तुलना में करीब आठ गुना अधिक 70 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि इसमें ग्रांट आधारित शिक्षकों का वेतन भुगतान शामिल नहीं है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में फिलहाल सीएफएमएस के तहत 3.10 लाख नियमित कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया जा रहा है। सरकारी सेवक शिकायत निवारण केन्द्र में कर्मियों की शिकायतों का 60 दिन में निष्पादन का प्रावधान है। अब तक आई 1526 शिकायतों में से 799 का निष्पादन किया जा चुका है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकारी सेवकों को गरीबों के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। कोई गरीब किसी अधिकारी के पास जाएं तो वह वहां से वापस सम्मान और संतुष्टि के साथ निकले। नौकरशाही को रचनात्मक, नवोन्मेषी, गतिशील, प्रभावकारी, सक्षम, पारदर्शी, ऊर्जावान, विनम्र, संवेदनशील एवं कार्य निष्पादन में दक्ष होना चाहिए। अधिकारियों को केवल आंकड़ों पर नहीं उसके परिणाम पर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427