जातीय जनगणना : नीतीश बोले पीएम ने अबतक नहीं दिया जवाब
आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव बढ़ा दिया। कहा कि जातीय जनगणना के सवाल पर पीएम को मैंने पत्र भेजा, पर अबतक नहीं आया जवाब।
मंडल दिवस पर बिहार में जदयू ने कोई कार्यक्रम नहीं किया, लेकिन आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार पर जातीय जनगणना के सवाल पर दबाव बढ़ा दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना कराने की मांग पर उन्होंने पधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना होने से कमजोर वर्ग को लाभ होगा। उनके विकास की योजनाएं बनेंगी।
तीन दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेज दिया, जिसमें जातीय जनगणना कराने की मांग पर बिहार के सभी प्रमुख दलों के प्रतिनिधिमंडल के लिए समय मांगा गया है।
इससे पहले राज्य में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सारे नेताओं ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर आग्रह किया था कि इस सवाल पर बिहार के राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिले। मुख्यमंत्री ने इस ज्ञापन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। वे यहां तक राजी थे कि अगर केंद्र ने जातीय जनगणना नहीं कराई, तो राज्य सरकार अपने खर्च से कराएगी।
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आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी का जवाब नहीं आने की बात कही, उससे स्पष्ट है कि उन्होंने गेंद प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के पाले में डाल दी है। उस बीच लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी जातीय जनगणना का समर्थन कर दिया है। हम के जीतनराम मांझी पहले ही जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं। इस प्रकार बिहार की राजनीति में इस सवाल पर भाजपा अकेली पड़ गई है।
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