झारखंड विधानसभा चुनाव का एलान होते ही एनडीए में टूट का खतरा उत्पन्न हो गया है। जदयू के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो ने भाजपा से 12 सीटों की मांग की है। इसकी सूची सौंप दी है। उधर भाजपा दो सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। चिराग पासवान अलग मांग कर रहे हैं। स्थिति यह है कि चुनाव से पहले ही झारखंड में एनडीए बिखर सकता है।
झारखंड जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए 12 सीटों पर दावा ठोक दिया है। उनके दावा के बाद झारखंड एनडीए संकट में फंस गया है। जानकारी मिल रही है कि भाजपा के दो सीटों के प्रस्ताव से जदयू नेतृत्व नाराज है। जदयू नेता ने कहा कि सम्मानजनक सीटें नहीं मिली, तो हम नए सिरे से सोचेंगे। इसका अर्थ यह लगाया जा रहा है कि अगर जदयू को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं, तो वह अकेले चुनाव मैदान में उतर सकता है। प्रदेश में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं।
चिराग पासवान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनकी पार्टी लोजपा हर हाल में झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेगी। खबर है कि वे कम से कम छह सीटें चाहते हैं। इससे कम पर वे राजी नहीं होंगे। चिराग पासवान ने पिछले दिनों रांची में कार्यकर्ता सम्मेलन करके हर हाल में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
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जदयू के खीरू महतो का कुछ इलाकों में कुर्मी मतदाताओं में प्रभाल है, जबकि चिराग पासवान का पासवान समुदाय में प्रभाव है। भाजपा के लिए दोनों नेताओं को साथ रखना चुनौती बन गया है। अगर दोनों नेता अलग चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा को पिछड़े तथा दलित वोटों का नुकसान हो सकता है। भाजपा के लिए दस सीटों का नुकसान भी सरकार बनाने के सपने से दूर कर देगा। एक मुश्किल यह है कि वक्त बहुत कम है। पहले से सीटों के बंटवारे पर होम वर्क नहीं करने का भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।