JDU को भाजपा ने भाव नहीं दिया, तो तिलमिलाए त्यागी
जदयू नेताओं का एक ख्वाब टूट गया लगता है। पार्टी के दिग्गज जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का संकल्प लेते रहे हैं। यूपी में भाजपा ने भाव नहीं दिया।
जातीय जनगणना, सम्राट अशोक का अपमान जैसे मुद्दों पर JDU और BJP के संबंधों में खटास चल ही रही थी कि अब उसमें नई खटाई भी पड़ गई। जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह चाहते थे कि पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले। वे मणिपुर का दौरा कर चुके हैं। अब उन्हें उम्मीद थी कि यूपी चुनाव में भाजपा कुछ सीटें देगी और वहां भी विधानसभा में पार्टी की उपस्थिति होगी। इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय दल बनने की संभावना बढ़ जाती, लेकिन जदयू को भाजपा ने कोई भाव ही नहीं दिया। अब तक दोनों दलों में कोई बात नहीं हुई है, जबकि आज से वहां नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने भाजपा के रुख पर निराशा जाहिर की और कहा कि काफी समय बीत चुका, लेकिन भाजपा की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला। अब उन्होंने कहा कि जदयू यूपी में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगा। दरअसल त्यागी खुद पश्चिमी यूपी से आते हैं और वहां नामांकन प्रक्रिया आज शुरू हो गई। इसका अर्थ साफ है कि भाजपा अब उन्हें घास डालनेवाली नहीं है। इस तरह यह त्यागी की प्रतिष्ठा का भी सवाल बन गया है।
जदयू ने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को यूपी में सीटों के सवाल पर भाजपा से बात करने की जिम्मेदारी दी थी। अब तक आरसीपी सिंह ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। भाजपा से कोई भी सीट पाने में असफल रहने पर भविष्य में आरसीपी से भी सवाल पूछा जा सकता है। यह मामला आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच संबंधों को और भी खराब करेगा।
अगर यूपी चुनाव में पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराती है, तो इससे खुद ललन सिंह का कद भी छोटा ही होगा। अब देखना है कि क्या जदयू स्वतंत्र रूप से अपने प्रत्याशी उतारता है या भाजपा के दबाव में चुप रह जाता है। दोनों ही स्थितियों में जदयू और भाजपा के बीच दूरी बढ़नी तय है।
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