जदयू नेता और चकाई के पूर्व विधायक सुमित सिंह ने उच्च वर्ग के दलितों से अपील की है कि वे गैस सबस्डि की तरह आरक्षण लाभ खुद ही त्याग करने के लिए आगे आयें.
नौकरशाही ब्यूरो,मुकेश कुमार
सुमित सिंह ने कहा है कि आरक्षण पर बहुत बवाल मचा हुआ है।मेरी राय है कि अवश्य गरीबों,वंचितों, शोषितों को आरक्षण मिलना चाहिए।लेकिन मेरी उन सबों से विनती है कि जो कई पीढ़ियों से आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं।बहुत सम्पन्नता,सामाजिक प्रतिष्ठा हासिल कर ली है,उसके बावजूद वह आरक्षण का लाभ लेने के लिए दमित,शोषित,पीड़ित बने हुए हैं।वह अपने ही समाज के गरीब दलित-पिछड़ों को आगे बढ़ने में सायास या,अनायास बाधक बन जाते हैं।जिस तरह से क्षमतावान लोगों ने प्रधानमंत्री जी की अपील पर एलपीजी सब्सिडी सरेंडर कर दिया।खुद से छोड़ दिया।स्वेच्छा से त्याग दिया।उसी तरह से मेरा विनम्र निवेदन है कि आप सबों में जो भी क्षमतावान हैं,कई पीढ़ियों से बड़े-बड़े ओहदों पर रहे हैं।
मुख्यमंत्री,केंद्रीय मंत्री, सांसद,विधायक,आईएएस, आईपीएस,डॉक्टर,प्रोफेसर, बड़े वकील,न्यायाधीश,महत्वपूर्ण पद पर बैठे इंजीनियर आदि बड़े ओहदों पर रहे हैं।वह,उनके बच्चे आरक्षण को खुद से त्याग अपने ही समाज के वंचित युवाओं,बच्चों के लिए अधिक अवसर मुहैया कराने में योगदान दें।जो भी ऐसा करेंगे, मैं खुद से उनके लिए नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम करूंगा।वह सच में वंचितों,दलितों, पिछड़ों के सच्चे हितचिंतक हैं,वास्तव में वह बड़े रहनुमाओं से भी बड़े,सच्चे रहनुमा साबित होंगे।वह नहीं जो दशकों से आरक्षण का लाभ लेने के बाद भी पीढ़ी-दर-पीढ़ी शोषित,पीड़ित,दमित का चोला धारण कर रख, वास्तविक वंचित लोगों का हक निगल जा रहे हैं।इसमें आप सबों का सहयोग आवश्यक है।
सभी लोग इसमें अवश्य मदद करें,तभी यह प्रयास सार्थक होगा।सच्चे, वास्तविक वंचित,शोषित समाज को आरक्षण,विशेष अवसर का लाभ मिल सकता है।