दरभंगा जिले के हायाघाट विधानसभा क्षेत्र से सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के विधायक अमरनाथ गामी ने लोकसभा चुनाव में उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।
श्री गामी ने संवाददाता सम्मेलन में विधायक पद से इस्तीफा दिये जाने की घोषणा करते हुए कहा, fd लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के (राजग) समस्तीपुर (सुरक्षित) सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रत्याशी और केंद्रीय मत्री रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान ने उनकी उपेक्षा की है, जिससे काफी आहत हुआ हूं। इस कारण विधायक पद से इस्तीफा दिया है। मैंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के अलावा विधानसभा अध्यक्ष को भी भेज दिया है।”
जदयू विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह वह भी पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करते। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी स्वाभिमानी है। फिर चाहे बात रेल दुर्घटना की हो या फिर बिहार में लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की। श्री कुमार ने तत्काल जिम्मेवारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने श्री मोदी को देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि वर्तमान परिस्थिति में श्री मोदी की आवश्यकता देश को है। देश का जो वर्तमान वातावरण है उन्हें पुनः चुनकर आना चाहिए और अपार बहुमत से आना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव-2015 से पूर्व श्री गामी ने भारतीय जनता पार्टी छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया था और जदयू के टिकट पर हायाघाट से चुनाव लड़ कर विधायक बने थे। हालांकि माना जा रहा है कि गामी ने सिर्फ दवाब बनाने के लिए इस्तीफा दिया है। वे लोजपा के मोलभाव के लिए इस्तीफा दिया है, जिसे नीतीश कुमार के आग्रह पर वापस भी ले लेंगे। गामी ने इस्तीफ में जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, उसमें इस्तीफा देने के बजाये स्तुतिगान किया है, ताकि चुनाव के बाद संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिल सके।