JDU ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज का पुतला क्यों फूंका, यूपी मॉडल का विरोध?
जदयू-भाजपा में टकराव का नया चैप्टर खुला। पहली बार जदयू नेताओं ने किसी केंद्रीय मंत्री का पुतला फूंका। क्या BJP बिहार में यूपी मॉडल लागू करना चाहती है?
क्या बिहार में भजपा अपना यूपी मॉडल लागू करने की भूमिका तैयार कर रही है, जिसका आधार 80 बनाम 20 की राजनीति होगा? कल बेगूसराय में पहली बार जदयू के प्रमुख नेता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का पुतला जलाने सड़क पर उतरे। आखिर इस विरोध से जदयू ने क्या संदेश दिया और केंद्रीय मंत्री का बयान क्या बिहार में यूपी मॉडल लागू करने की तैयारी का अंग है?
सवाल कई हैं। कल जदयू के पूर्व विधान पार्षद रामबदन राय के नेतृत्व में बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का पुतला फूंका गया और उसके बाद राजनीति गरमा गई। जदयू नेताओं ने कहा कि भजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राजौरा में हुए दो गुटों के बीच मामूली विवाद और झड़प को हिंदू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि बेगूसराय में गंगा-जमनी संस्कृति रही है। सभी मिलजुल कर रहते हैं। गिरिराज सिंह सांप्रदायिक नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं।
मंत्री गिरिराज सिंह का बयान बिहार में भाजपा के यूपी मॉडल को लागू करने की कोशिश है? यूपी में बेरोजगार परेशान हैं, किसान सांड़ से तबाह हैं। महंगाई से गरीब परेशान है और पिछले पांच वर्षों में आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कोई नई योजना भी नहीं है। इसके बावजूद वह चुनाव जीत गई। पर्यवेक्षक मानते हैं कि इतनी नकारात्मकता के बावजूद चुनावी जीत की वजह उग्र हिंदुत्व है।
अगर भाजपा बिहार में यूपी मॉडल लागू करने की कोशिश कर रही है, तो जदयू ने भी साफ कर दिया कि उसे यह मंजूर नहीं है। संदेश साफ है कि जब भी भाजपा सांप्रदायिक मुद्दे उठाकर नीतीश सरकार पर हमले करेगी, तो विरोध होगा। हां, यहां यह सवाल अब भी है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सफल बताकर अगर सांप्रदायिक राजनीति बढ़ाने की कोशिश होगी, तब भी जदयू नेता उसी तीव्रता के साथ विरोध करेंगे?
अतीत की जय के लिए वर्तमान में बासी भोजन, सैकड़ों बच्चे बीमार