JDU ने कर दिया EWS पर फैसले का समर्थन
JDU ने EWS पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया है। साथ ही कहा जातीय जनगणना पर तेजी से काम चल रहा है। पिछड़ों-अतिपिछड़ों को मिलेगा वास्तविक न्याय।
जनता दल यूनाईटेड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने देश में सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत कोटे को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही संविधान में वर्णित न्याय व्यवस्था की स्थापना की तथा हर वर्ग और जाति के शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान, कार्यपालिका एवं विधायिका सहित अन्य सभी क्षेत्रों में समान अवसर और प्रतिनिधित्व देने के लिए आरक्षण की पक्षधर रही हैस इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमारे नेता माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी जातीय गणना कराने की मांग लंबे समय से करते आए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि जातीय गणना कराने से न्याय पूर्ण नीतियां बनाई जा सकेगी और फिर उसी के अनुसार बजटीय प्रावधान किया जा सकेगा। हमारे देश में 1931 में लगभग 90 वर्ष पूर्व अंतिम बार जातिगत जनगणना हुई थी। उसके बाद से आज तक शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पर कोई सही आंकड़ा सामने नहीं आ पाया है। आज की सबसे बड़ी आवश्यकता जातीय गणना है जिससे कि सभी जाति-वर्ग की वास्तविक स्थिति सामने आ पाए क्योंकि जातिगत जनगणना ही सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है। जातीय जनगणना से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े सामाजिक समूह को आगे आने का विश्वसनीय और पारदर्शी मार्ग प्रसस्त होगा। हमने प्रारंभ से ही जाति आधारित जनगणना की मांग की है, इससे इस प्रकार के कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी जाति आधारित सामाजिक एवं आर्थिक गणना से लाभार्थियों को चिन्हित करने में मदद मिलेगी जिससे संतुलित सामाजिक विकास सुनिश्चित होंगे।
जदयू में सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया भी चल रही है। प्रखंड/सेक्टर का चुनाव 16 एवं 17 नवम्बर 2022 को, जिला व नगर निगम क्षेत्र का चुनाव 20 नवम्बर 2022 को तथा मत विभाजन की स्थिति में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 27 नवम्बर को होगा। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया की पूरी जानकारी देते हुए कहा कि प्रखंड/सेक्टर के चुनाव हेतु मतपत्र भेजे जा रहे हैं और सभी स्थानों का चुनाव 16 एवं 17 नवम्बर को तथा जिला व निगम क्षेत्र में 20 नवम्बर 2022 को सम्पन्न कर लिया जाएगा।
5 जजों का फैसला EWS जारी रहेगा, जजों में कोई दलित-पिछड़ा नहीं