जदयू नेता त्यागी बोले, भारत फ़िलिस्तीन के साथ
जदयू ने कहा कि फिलिस्तिनियों पर हमला दुनिया की अमनपसंद अवाम पर हमला है। जमाअते इस्लामी हिन्द ने कहा कि फिलिस्तिनियों को इसाफ दिलाने के लिए भारत हर कदम उठाए।
जनता दल यू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा है कि इजलाइल द्धारा जिस तरह से फिलिस्तीनियों पर बर्बरता की जा रही है, वह मुसलमान और यहूदी का सवाल नहीं है। यह इंसानियत और इंसाफ का सवाल है। दुनिया के अमनपसंद लोगों को चाहिए कि वे फिलिस्तीन में अमन और इंसाफ की बहाली के लिए अपनी आवाज बुलंद करें।
बुधवार को ‘इंडियन फ्रेंड्स फाॅर पैलेस्टाइन’ के एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए त्यागी ने कहा, ‘भारत सरकार ने यूएन में स्पष्ट रूप से कहा है कि वह इजराइल की विस्तारवादी नीति के खिलाफ है। साथ ही उसने इजराइली बमबारी की आलोचना भी की है। यही नहीं, भारत ने हमले से पहले की स्थिति को बरकरार रखने की बात भी कही है। इससे हमारे जैसे लोगों को काफी राहत मिली है। हम भारत के स्टैंड की तारीफ करते है।’ उन्होंने कहा कि भारत अपने इस स्टैंड पर कामय रहे और यूएन पर दबाव बनाकर रखे। भारत अगर आगे बढ़कर वर्तमान संकट को दूर करने में कोई भूमिका निभाता है तो इससे तमाम भारतीयों को बेहद खुशी होगी।
जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी और बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार अमनपसंद विचारधारा के समर्थक हैं। इस नाते इजराइली बर्बरता की निंदा करते हैं। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि अरब दुनिया से जिस तरह मजबूत आवाज उठनी चाहिए वह नहीं हो रही है।
वहीं, संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि फिलिस्तीनियों को इंसाफ़ दिलाने के लिए जितने भी डिप्लोमैटिक तरीके हैं, उन्हें अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि इजराइल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए भारत सरकार को संयुक्त राष्ट्र में आवाज उठानी चाहिए।
जमाअत के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मस्जिदे अक़्सा दुनियाभर के मुसलमानों के लिए एक पवित्र जगह है और उसके साथ उनकी धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। येरूशलम दुनिया के तीन धर्मों के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए इस शहर की डेमोग्राफी और उसकी हैसियत को बदलने का अधिकार इजराइल को नहीं है। इजराइल की हरकतें खुले तौर पर गैरकानूनी, अंतर्राष्ट्रीय संधियों के खिलाफ और इंसानियत के विरुद्ध जंग की परिचायक हैं।
ऑल इंडिया पर्सनल लाॅ बोर्ड के कार्यकारी महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि इजराइल फिलिस्तीनियों को उनके इलाके से हटाकर बेदखल करना चालता है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि इजराइल की कार्रवाई को छिपाया और फिलिसतीनियों की जवाबी कार्रवाई को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की कि वह अमन बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संवाददाता सम्मेलन में उठाए गए मुद्दों से अरब देशों को बाखबर किया जाएगा।
जमीयत उलेमाए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमें मिलजुल कर कोशिश करनी चाहिए कि फिलिस्तीन में अमन कायम हो। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भी अपनी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।
प्रेस क्लब आफ इंडिया के महासचिव विनय कुमार ने कहा कि अपनी बर्बाता को छुपाने के लिए इजराइल ने अल-जजीरा और एपी जैसे अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों पर हमला किया है। इसकी घोर निंदा किए जाने की जरूरत है। हमला तब किया गया जब पुरी दुनिया कोविड महामारी से लड़ रही है और ईद जैसे त्योहार का अवसर है। उन्होंने कहा कि हम फिलिस्तीनियों को इंसाफ दिलाने वाले हर कदम की हिमायत करते हैं। यह वक्त इजराइल के खिलाफ ग्लोबल ओपिनियन बनाने का है।