ताजपोशी के बाद RCP ने दूसरी बार भाजपा को धमकाया
लगता है जनता दल यू ने अब तय कर लिया है कि वह अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा के सामने हथियार डालने की बन रही धारणा को समाप्त कर देगा. जनता दल यू के अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद दूसरी बार RCP Singh( आरसीपी सिंह) ने भापजा को स्पष्ट संदेश दे दिया है.
जनता दल यू के ट्विटर हैंडल पर आरसीपी का बयान ट्वीट किया गया है. इसमें उन्होंने कहा है कि हमारे नेता नीतीश कुमार के खिलाफ कोई बात हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. आरसीपी सिंह के बयान में भाजपा का यूं तो नाम नहीं लिया गया है लेकिन स्पष्ट रूप से संदेश उसी को देते हुए आरसीपी ने कहा है कि “हम जिसके साथ रहते हैं, पूरी ईमनादारी के साथ रहते हैं. किसी को भी हम धोखा नहीं देते”.
माना जा रहा है कि आरसीपी का यह बयान 25 दिसमंबर की उस घटना के जवाब में है जब भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश के छह विधायकों को तोड़ कर अपनी पार्टी में मिला लिया था.
इतना ही नहीं आरसीपी सिंह ने अपने बयान में संस्कारों की बात भी भाजपा को याद दिलायी है. उन्होंने कहा है कि “हमारा संस्कार बहुत मजबूत है, जिसे कोई हिला नहीं सकता है”.
साथ ही साथ आरसीपी ने अपने कड़े तेवर से यह भी संकेत दिया है कि उनकी पार्टी अपने सिद्धांत को कभी नहीं छोड़ सकती.
सिद्धांत से आरसीपी संभवत:यह संकेत देने कि कोशिश कर रहे हैं कि उनकी पार्टी की समाजवादी व सेक्युलरीज्म के सिद्धांत से कोई समझौता नहीं कर सकती. दर असल पार्टी ने 27 सितम्बर को एक करारदाद पाश किया था जिसमें लवजिहाद जैसे मुद्दे को अवसंवैधानिक और समाज में तनाव बढ़ाने वाला माना गया था.
JDU की कमान संभालते ही RCP ने BJP को ललकारा
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली यूपी की सरकार ने एक कानून बनाया है जिसमें दो धर्मों के बीच के पुरुष या महिला की शादी को हतोत्साहित करने औऱ यहां तक कि अपराध घोषित किया गया है.
आरसीपी सिंह को जनता दल यू ने अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया है. पहले यह पद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास था. अभी नीतीश कुमार का कार्यकाल एक साल से ज्यादा समय का बचा था.
गौरतलब है कि 2020 चुनाव के बाद जदयू को उसकी उम्मीदों से काफी कम मात्र 43 सीटें आयी थीं. इसके लिए पार्टी ने भाजपा को ही जिम्मेदार माना था. जदयू के नेताओं का कहना था कि लोकजनशक्ति पार्टी ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया जिसके कारण उसे नुकसान उठाना पड़ा.