राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक जनता दल यूनाईटेड ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए संसद में पेश संकल्प का विरोध करते हुये आज अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी पर परोक्ष रूप से लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है।
बिहार की नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री श्याम रजक ने अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि आज देश के इतिहास का काला दिन है। आज लोकतंत्र की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी का शुरू से ही इस मुद्दे पर रुख रहा है कि विवादित मुद्दों का समाधान आपसी सहमति के जरिये ही होना चाहिए।
इसी मुद्दे पर जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के. सी. त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में है। पार्टी अपने पुराने रुख पर कायम है। उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डॉ. राममनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं जॉर्ज फर्नांडीस के बताये मार्ग पर चल रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इसका असर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर नहीं पड़ेगा।
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा के पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को अनैतिक एवं अलोकतांत्रिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास राजनीतिक शक्ति है इसलिए वह कुछ भी फैसला करने के लिए स्वतंत्र है।
राजद के ही प्रदेश प्रधान महासचिव एवं विधायक आलोक मेहता ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के निर्णय को अलोकतांत्रिक बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसला लेने का यह तरीका कहीं से भी उचित नहीं है। संसद सत्र के दौरान सदस्यों को बगैर विश्वास में लिये यह फैसला लिया गया है। सच्चाई यह है कि भाजपा अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडा को लागू करने में लग गई है।
कांग्रेस के प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि भाजपा अनुच्देद 370 को हटाकर राजनीति कर रही है। भाजपा एक तरफ ‘एक देश एक कानून’ की वकालत करती है तो दूसरी तरफ धर्म विशेष के लिए तीन तलाक जैसे कानून बनाती है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन भाजपा वहां अशांति फैलाकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बहुमत प्राप्त है तो क्या वह बंदूक की नोंक पर दमन करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर देश के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था।