Lalu Yadav के समधी Chandrika Rai समेत RJD के तीन विधायक गुरुवार को JDU में शामिल होंगे। इनमें Ram Lakhan Singh Yadav के पौत्र और Paligunj के विधायक Jaiverdhan Yadav तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री Ali Ashraf Fatmi के बेटे विधायक Faraz Fatmi शामिल हैं।

फराज को राजद ने महेश्वर यादव और प्रेमा चौधरी के साथ पहले ही अपनी पार्टी से निकाल दिया है। फराज फातमी भी महेश्वर और प्रेमा चौधरी के साथ ही जदयू में शामिल होने वाले थे, लेकिन दो दिन पहले आयोजित मिलन समारोह में दिल्ली में होने के कारण वे शामिल नहीं हो पाए।

जानकारी के मुताबिक जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व ऊर्जा मंत्री बीजेन्द्र प्रसाद यादव गुरुवार की दोपहर ढाई बजे प्रदेश जदयू मुख्यालय में इन तीनों को दल में शामिल करायेंगे। बहरहाल जदयू नेता दारोगा राय और रामलखन सिंह यादव, इन दो नामचीन यादव परिवारों के विधायकों के जदयू में शामिल कराने के अवसर को खास मान रहे हैं। 

दुंदुभी अभी बजी नहीं है, लेकिन चुनावी रेस में उतरने वाले कई घोड़ों ने अस्तबल बदलना शुरू कर दिया है। दूसरे दलों से राजद में आने वालों की संख्या अभी अधिक है, लेकिन जाने वालों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। विधान सभा चुनाव के ठीक पहले तो राजद में आने की शुरुआत पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कर दी, लेकिन इसके पहले भी लोकसभा चुनाव के बाद से ही कई बड़े नेताओं ने दल-बदल शुरू कर दिया था। राजद के बड़े नेता में शुमार पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी टिकट से वंचित किए जाने के कारण लोकसभा चुनाव के दौरान ही राजद छोड़कर जदयू में चले गए थे। अब उनके पुत्र व केवटी के विधायक फराज फातमी का नाम भी राजद छोड़ने वालों की सूची में लिया जा रहा है। उम्मीद थी कि सोमवार को वह जदयू ज्वाइन कर लेंगे। मगर उन्होंने इसकी घोषणा नहीं की।

विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही नेताओं के दल-बदल का सिलसिला शुरू हो गया है। कांग्रेस भी इससे अछूती नहीं हैं। पार्टी के तीन-चार विधायकों की गतिविधियां संदेह के घेरे में हैं। पार्टी संगठन भी कुछ चेहरों को लेकर सशंकित है सो उन पर नजर रखी जा रही है। हालांकि यह कोई इसी चुनाव में नहीं हो रहा। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी नेताओं की आवाजाही होती रही है। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो मनोहर प्रसाद जदयू से आए थे। मनिहारी से कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे। गोविंदपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाली पूर्णिमा यादव भी जदयू छोड़कर आई थीं। अनिल कुमार भोरे विधानसभा से पिछला चुनाव कांग्रेसी टिकट पर लड़े थे। वे भी पहले जदयू में थे। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी चार विधान पार्षदों संग जदयू में शामिल हो गए थे। वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से पप्पू सिंह कांग्रेस में शामिल हुए थे। वे पूर्णिया से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इस बार भी कई चेहरों के इधर से उधर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

By Editor


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