JDU-RJD से मांझी का अलग अंदाज, सीधे PM मोदी को दे दी चुनौती
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कांग्रेस, जदयू और राजद तीनों से अलग अंदाज में आज सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ-भाजपा की राजनीति को चुनौती दे दी।
संघ-भाजपा की नफरत की राजनीति के खिलाफ कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा कर रही है। राजद और जदयू दोनों देश और खासकर बिहार में भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ रोज ही अपना पक्ष रख रहे हैं। इन तीनों दलों से अलग अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आज सीधे प्रधानमंत्री मोदी को राजनीतिक चुनौती दे दी।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा पर ही सवाल खड़ा किया है। मांझी ने अपने सवाल से संघ-भाजपा की भारतीयता पर भी सवाल उठा दिया है और सबसे खास बात यह कि इसमें दलित एंगल भी है। दलित एंगल से भाजपा-संघ और प्रधानमंत्री को चुनौती देना जीतनराम मांझी की राजनीतिक परिपक्वता को दिखाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने प्रधानमंत्री मोदी के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के नाम पर कहा कि सेंट्रल विस्टा गुलामी का प्रतीक लगता है। इसका नाम बदल कर डॉ. भीमराव आंबेडकर परिसर किया जाए। मालूम हो कि सेंट्रल विस्टा 3.2 किमी में फैला एक क्षेत्र है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी नए सिरे से विकसित कर रहे हैं, जिसमें राष्ट्रपति भवन से लेकर संसद भवन और अन्य महत्वपूर्ण इमारतें हैं।
पू्र्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांजी ने कहा- देश के वर्तमान हालात एवं जनभावना को देखते हुए मैं माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी से आग्रह करता हूं कि “सेंट्रल विस्टा” का नाम बदलकर “बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर परिसर” किया जाए। “सेंट्रल विस्टा”नाम गुलामी का प्रतिक लगता है जबकि “अंबेडकर” शब्द भारत के कण-कण में विराजमान है।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने अपनी एक मांग, एक बयान से भाजपा-संघ की विचारधारा पर कई हमले कर दिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा बहुत नाम बदलते हैं, गुलामी के प्रतीकों को मिटाना चाहते हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली स्थित राजपथ का नाम बदल कर कर्तव्य पथ कर दिया। कहा गया कि गुलामी के प्रतीकों को मिटाना है। अब मांझी ने प्रधानमंत्री के नारों पर ही प्रधानमंत्री को घेर लिया है।
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