चुनाव चिन्ह गंवा चुकी मांझी की पार्टी ने तोड़ा महगठबंधन से नाता
चुनाव आयोग के समक्ष अपने चुनाव चिन्ह को बचा पाने में असमर्थ एक विधायक की पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है.
खबर है कि जीतन राम मांझी या तो जदयू में अपनी पार्टी का विलय करेंगे या फिर अपने अस्तित्व के साथ एनडीए गठबंधन का हिस्सा होंगे.
जीतन राम मांझी की पार्टी हम की कोर कमेटी की बैठक में महागठबनंधन से नाता तोड़ने का फैसला लिया गया है.
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गौरतलब है कि जीतन राम मांझी पिछले कई महीनों से महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी के गठन की मांग कर रहे थे लेकिन राजद उनकी बात को अनसुनी कर रहा था. उधर समझा जाता है कि जदयू से उनकी बात पक्की हो गयी है. जदयू चाहता है कि श्याम रजक की कुछ हद तक भरपाई जीतन राम मांझी के रूप में हो सकती है. याद रहे कि श्याम रजक पिछले दिनों जदयू छोड़ कर राजद में शामिल हो गये थे.
हिंदुस्तान अवाम मोर्चा का गठन तीन साल पहले जीतन राम मांझी की अध्यक्षता में किया गया था लेकिन मांझी के अलावा इस पार्टी का एक विधायक भी नहीं जीत सका ता. इसके अलावा राजद ने मांझी के बेटे पर बड़ी मेहरबानी करते हुए उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनवाया था.
गौरलतलब है कि जीतन राम मांझी इससे पहले जदयू में ही थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू की करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन एक साल बाद ही उन्होंने मांझी को हटा कर मुख्यमंत्री पद खुद ले लिया. उसके बाद मांझी ने अपनी नयी पार्टी बनाई थी और फिर वह महागठबनंध का हिस्सा बन गये थे.