जहानाबाद के दंगाग्रस्त इलाक़े का दौरा करने के बाद कांग्रेस विधायक वो बिहार मरकज के प्रमुख शकील खान ने कहा है कि दंगे के लिए संगठित साज़िश और पुलिस का असहयोगात्मक सुलूक ज़िम्मेदार है।
शकील खान ने जहानाबाद से लौटने के बाद नौकरशाही डॉट काम के एडिटर इर्शादुल हक से खास बात करते हुए कहा कि अन्य दंगों की तरह इस दंगे में भी पूर्व नियोजित तयारी और पारंपरिक पैटर्न का इस्तेमाल किया गया। एक अध्ययन दल के साथ जहानाबाद पहुंचे शकील खान ने कहा कि साजिशकर्ताओं ने अफवाह उड़ाई कि मूर्ति विसर्जन के समय पत्थर फेका गया। और इसी अफवाह को हथियार बना कर ३० दुकानों को चुन चुन कर लूटा गया या फिर आग लगा दी गायी।
कबिलेजिक्र है कि जहानाबाद शहर में दुर्गापूजा के दूसरे दिन दंगा भड़का और देखते ही देखते लोगों ने घरों और मस्जिद पर पथराव किया।
इस दौरान हिंसा भी हुई और एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। दो लोग गंभीर रूप से घयाल भी हुए।
शकील खान ने पुलिस के अष्योगात्मक रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा भड़कने के चार घंटे तक पुलिस चुप बैठी रही। जब पटना से पुलिस बल भेजा गया तो इस बल को भी घंटों तक तायनात नहीं किया गय।
एक सवाल के जवाब में शकील खान ने कहा कि मौजूदा माहौल में अल्पसंख्यक इतना खौफजदा है और उसकी सुरक्षा प्रशासन की तरफ से भी नहीं होना चिंता की बात है।